हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद अभी और भी राजनीतिक धुरंधर हैं ED के रडार पर

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दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को पांचवां समन भेजा. केजरीवाल को आबकारी नीति मामले के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि नई आबकारी नीति के जरिए प्राइवेट प्‍लेयर्स को फायदा पहुंचाया गया. ED के अनुसार इन प्राइवेट प्लेयर्स ने 100 करोड़ रुपये की घूस भी दी. अभी तक केजरीवाल ईडी के समन को इग्नोर करते आए हैं.

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ ED कम से कम तीन मामलों में जांच कर रहा है. ये मामले कोल ट्रांसपोर्टेशन, शराब की दुकानों के ऑपरेशन और महादेव गेमिंग ऐप से जुड़े हैं.

बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी, उनके बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी ED जांच के घेरे में हैं. तीनों IRCTC घोटाले और लैंड फॉर जॉब्‍स मामले में मुख्य आरोपी हैं. 2017 का IRCTC केस उस दौर से जुड़ा है जब लालू रेल मंत्री हुआ करते थे. आरोप है कि IRCTC के दो होटल्‍स को मैनेज करने के लिए एक कंपनी को फायदा पहुंचाया गया. 2022 में लालू परिवार के खिलाफ दर्ज लैंड फॉर जॉब्‍स केस रेलवे में नौकरी के बदले प्लॉट लेने से जुड़ा है.

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उनके डिप्‍टी रहे सचिन पायलट और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम का नाम ‘राजस्थान एंबुलेंस घोटाला’ केस में आया. यह केस 2010 में Ziqitza Healthcare को 108 एंबुलेंस चलाने के लिए अवैध तरीके से दिए गए कॉन्‍ट्रैक्‍ट का है. पायलट और चिदंबरम कथित रूप से इस कंपनी के डायरेक्टर रहे हैं.

ED ने पूर्व हरियाणा सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा को मानेसर लैंड डील मामले में रडार पर ले रखा है. इसके अलावा पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को जमीन आवंटन में गड़बड़ी का केस भी है. AJL केस में ईडी ने हुड्डा और कांग्रेस के सीनियर नेता मोतीलाल वोरा के खिलाफ अभियोजन की शिकायत फाइल कर रखी है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी CBI और ED जांच का सामना कर रहे हैं. अखिलेश पर खनन ठेकों के अलावा गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में अनियमितताओं के आरोप हैं.

यूपी की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती सीधे तौर पर तो ED जांच के दायरे में नहीं हैं. हालांकि, उनके कार्यकाल के तमाम प्रोजेक्‍ट्स और योजनाओं की जांच चल रही है.

केरल के मुख्‍यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ ईडी ने अप्रैल 2021 में PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत जांच शुरू की थी. यह मामला 1995 के कथित एसएनसी-लवलिन केरल जलविद्युत घोटाला से जुड़ा है. उस समय विजयन राज्य के ऊर्जा मंत्री थे. CBI ने 2008 में इस मामले में विजयन के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.

तेलंगाना के नए सीएम रेवंत रेड्डी भी मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ईडी जांच का सामना कर रहे हैं. रेड्डी पर 2015 में MLC चुनाव के दौरान एक मनोनीत MLA का वोट पाने के लिए 50 लाख रुपये घूस देने का आरोप है. उस समय रेड्डी विधानसभा में TDP के फ्लोर लीडर हुआ करते थे.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी तो यूपीए के समय से ही कई मामलों में जांच से गुजर रहे हैं. 2015 में ED ने उनके खिलाफ PMLA के तहत मामला दर्ज किया. यह केस जगत की कंपनी भारती सीमेंट्स के वित्तीय मामलों से जुड़ा है.

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला भी CBI और ED जांच के दायरे में हैं. उनपर केंद्रीय कपड़ा मंत्री रहते हुए एक प्राइम प्रॉपर्टी बेचकर सरकारी खजाने को 709 करोड़ रुपये की चपत लगाने का आरोप है. CBI ने 2015 में केस दर्ज किया था और ईडी ने अगस्त 2016 में. अभी मामले की जांच चल रही है.

एनसीपी चीफ शरद पवार और भतीजे अजीत पवार भी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में ED जांच का सामना कर रहे हैं. अजित पवार अभी महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं. दोनों पर महाराष्ट्र के सहकारी बैंक को चलाने में गड़बड़ी का आरोप है.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ BCCI की ओर से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) को दिए गए अनुदान में कथित अनियमितताओं से जुड़ी जांच चल रही है.

अब्दुल्ला के बेटे और J&K के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला से भी ED ने 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में पूछताछ की थी. वह केस J&K बैंक के वित्तीय मामलों और उसके निदेशकों की नियुक्ति से जुड़ा है.

उमर की तरह, जम्‍मू और कश्‍मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी J&K बैंक मामले में जांच के दायरे में हैं. एक छापेमारी के दौरान बरामद दो डायरियों में कथित तौर पर मुफ्ती परिवार को पेमेंट किए जाने का जिक्र है.

सीबीआई ने 2019 में कथित भ्रष्टाचार के लिए अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सीएम नबाम तुकी के खिलाफ केस दर्ज किया था. CBI की FIR के आधार पर ED अब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है.

नवंबर 2019 में सीबीआई ने मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह के आवास पर छापेमारी की थी. यह मामला मणिपुर डेवलपमेंट सोसायटी में 332 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्‍टाचार से जुड़ा है. इबोबी उस समय सोसायटी के चेयरमैन थे. CBI केस के आधार पर ED ने PMLA के तहत मुकदमा दर्ज किया था और जांच चल रही है.

केंद्र सरकार पर विपक्ष के आरोप

विपक्ष लगातार पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व वाली सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाता रहा है. बुधवार को सोरेन की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, “ED, CBI, IT आदि अब सरकारी एजेंसियां नहीं रहीं, अब यह भाजपा की ‘विपक्ष मिटाओ सेल’ बन चुकी हैं. खुद भ्रष्टाचार में डूबी भाजपा सत्ता की सनक में लोकतंत्र को तबाह करने का अभियान चला रही है.”

-एजेंसी