फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) के बाद अब जोमैटो (Zomato) से भी खाना मंगाना महंगा हो गया है। कंपनी ने प्रत्येक ऑर्डर पर दो रुपये प्लेटफॉर्म फीस वसूलना शुरू कर दिया है। यह अतिरिक्त फीस अभी चुनिंदा यूजर्स से ही वसूली जा रही है। जोमैटो के क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट (Blinkit) को इससे दूर रखा गया है।
कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में प्रॉफिट कमाया है। पहली बार कंपनी मुनाफे में आई है। स्विगी ने करीब चार महीने पहले फूड ऑर्डर पर प्लेटफॉर्म फीस वसूलनी शुरू की थी। देश में पहली बार किसी फूड डिलीवरी कंपनी ने इस तरह की फीस लेनी शुरू की थी। कंपनी प्रत्येक ऑर्डर पर दो रुपये फीस लेती है।
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक जोमैटो ने प्लेटफॉर्म फीस को अभी केवल चुनिंदा यूजर्स के लिए ही लागू किया है। ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट पर इसे लागू नहीं किया गया है। कंपनी की औसत ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू करीब 415 रुपये है। इस हिसाब से देखें तो दो रुपये की फीस इसका 0.5 परसेंट बैठती है। यह भले ही मामूली फीस लग रही है लेकिन इससे कंपनी को बड़ा फायदा हो सकता है।
जून तिमाही में कंपनी को कुल 17.6 करोड़ ऑर्डर मिले। रोजाना के हिसाब से ये करीब 20 लाख बैठते हैं। यानी कंपनी को रोज के ऑर्डर पर प्लेटफॉर्म फीस के रूप में 40 लाख रुपये मिल सकते हैं। इस तरह कंपनी हर महीने करीब 12 करोड़ रुपये की अतिरिक्त इनकम जुटा सकती है।
कितना मिलता है कमीशन
रेस्टोरेंट्स जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियों को फूड ऑर्डर पर 22 से 28 फीसदी तक कमीशन देते हैं। जोमैटो की प्लेटफॉर्म फीस पर क्लिक करने पर एक पॉप-अप खुलता है। इसमें लिखा गया है कि यह एक छोटी सी फीस है। इससे हमें बिलों के भुगतान में मदद मिलती है ताकि हम कंपनी को चालू रख सकें। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि अभी यह एक प्रयोग है। कंपनी आगे इसका विस्तार कर सकती है।
Compiled: up18 News
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