अलीगढ़। ‘ज्ञानवापी अगर मंदिर है तो लौटा देनी चाहिए ज़मीन’ वाला बयान देने वाली रुबीना खानम को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आदेश पर पद से हटा दिया गया। कल हुए इस फैसले के बाद आज रुबीना खानम ने सपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
सपा की ओर से अलीगढ़ महिला महानगर अध्यक्ष रहीं रुबीना खानम को अनुशासनहीनता के आरोप में पदमुक्त करने के बाद सपा नेत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि मुझे राष्ट्रवादी होने का इनाम मिल चुका है, सपा महिला विरोधी पार्टी है।
राष्ट्रवाद के लिए ऐसे हजारों पद कुर्बान हैं। साथ ही ऐलान किया कि मुझे ऐसी पार्टी में रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है, जहां दूसरे धर्म की और राष्ट्र की बात नहीं कर सकते। सपा मुझे पद क्या मुक्त करेगी, मैं सभी पदों से और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देती हूं।
गौरतलब है कि रुबीना ने पिछले दिनों ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक वीडियो जारी कर कहा था कि यदि यह साबित हो जाता है कि वहां पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी तो हमारे उलेमा, धर्मगुरु, कौम को उस जमीन को हिंदू भाइयों को दे देना चाहिए।
इससे पहले भी रुबीना अपने बयानों को लेकर चर्चा में रही हैं। पहले हिजाब को लेकर कहा था कि यदि कोई हमारे हिजाब पर हाथ डालेगा तो उसके हाथ काट दिए जाएंगे। दूसरा बयान लाउडस्पीकर को लेकर था कि मुसलमान समुदाय को छेड़ने की कोशिश ना करें, अगर ऐसा हुआ तो हम महिलाएं मंदिरों के बाहर बैठकर लाउडस्पीकर पर कुरान का पाठ करेंगे। जिस पर रुबीना के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मामला भी दर्ज हुआ था।
अब रुबीना खानम को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति से पार्टी की महिला विंग के अलीगढ़ महानगर अध्यक्ष पद से हटा दिया है इससे संबंधित पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने एक पत्र जारी किया है।
-एजेंसी
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