अक्सर जब यारों से मिलने का प्लान बनता है तो हम सभी यही कहते हैं कि चाय या कॉफी पिएंगे और पुरानी यादों को ताजा करेंगे। लेकिन एक सही अड्डा कौन सा हो, यही सबसे बड़ा सवाल होता है। अगर हम आपसे कहें कि भारत में एक ऐसा अनोखा रेस्टोरेंट है, जहां अंदर कब्रें बनी हुई हैं, लेकिन फिर भी लोग वहां चाय की चुस्की का मजा लेने के साथ आते हैं तो आप क्या कहेंगे? ये सुनने के बाद अगर आपमें हिम्मत है तो एक बार अपने दोस्तों के साथ यहां जरूर जाएं।
अहमदाबाद के लाल दरवाजा स्थित न्यू लकी रेस्टोरेंट इस अनोखी चीज के लिए काफी मशहूर है। इस रेस्टोरेंट के अंदर कस्टमर रात के 12-1 बजे तक भी कब्र के बीच चाय और स्नैक का मजा लेने के लिए आते हैं। चलिए आपको इस जगह के बारे में बताते हैं।
पहले था छोटा सा टी स्टॉल
आपको बता दें, इस रेस्टोरेंट की शुरुआत 1950 में मुस्लिम कब्रिस्तान के बाहर एक छोटे से टी स्टॉल के रूप में के एच मुहम्मद ने की थी। इसके बाद जिस तरह ये जगह फेमस होने लगी, इस रेस्टोरेंट को धीरे-धीरे कब्रों के आसपास तक फैलाना शुरू कर दिया गया। कई सालों तक ये रेस्टोरेंट चलाने के बाद उन्होंने ये जगह कृष्णन् कुट्टी नायर को बेच दी।
रेस्टोरेंट के बीचों बीच 26 कब्रें हैं
रेस्टोरेंट में 26 कब्र मौजूद हैं, आपको जानकार शायद हैरानी हो रेस्टोरेंट के बीचों-बीच करीब 26 कब्रें बनी हैं। इन कब्रों को कोई नुकसान न पहुंचे इनके चारों तरफ लोहे की सलाखें लगा दी गई हैं। यहां आने वाले लोग सबसे ज्यादा इस कैफे की सबसे खास डिश बन मस्का और चाय को जरूर टेस्ट करते हैं।
कब्रों पर रोज चढ़ती है माला
कब्रों की देखरेख में इनपर रोज माला चढ़ाई जाती है, यहां रोजाना साफ-सफाई भी होती है और इन्हें चमकदार कपड़ों के साथ फूलों से काफी अच्छे ढंग से सजाया जाता है।
एम एफ हुसैन ने गिफ्ट की थी पेंटिंग
आपने विश्व प्रसिद्ध आर्टिस्ट एमएफ हुसैन का नाम तो सुना ही होगा, वो भी यहां रोजाना आया करते थे। उन्हें इस रेस्टोरेंट का अनुभव इतना अच्छा लगा कि उन्होंने यहां के मालिक को अपने द्वारा बनाई गई एक पेंटिंग भी गिफ्ट के तौर पर दी थी। आज वो पेंटिंग इस रेस्टोरेंट की शोभा बढ़ा रही है।
सब हैं कहने वाली बातें
वैसे आप यहां कब्र के पास बैठकर खाना खाएं या चाय का मजा लें, इसमें कोई दिक्कत नहीं है। यहां रोजाना अच्छी खासी भीड़ इस रेस्टोरेंट के खाने का मजा लेने आती है। हालांकि कई लोग कब्र के पास खाना खाने वाली चीजों को अच्छी नजर से नहीं देखती। ऐसा कहा जाता है कि इससे मृत इंसान को एक तरह से तिरस्कार करना है। अगर आप अहमदाबाद घूमने के लिए आ रहे हैं, तो एक बार इस रेस्टोरेंट में भी जाकर कब्रे के पास बैठकर चाय की चुस्कियों का मजा जरूर लें।
-एजेंसी