इराक की एक मस्जिद में रखी है सद्दाम हुसैन के खून से लिखी कुरान

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कुछ लोगों ने करार दिया ‘राजनीतिक दिखावा’

अमेरिका की जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर कंटेम्पररी अरब स्टडीज के निदेशक जोसेफ ससून के मुताबिक एक भव्य समारोह में कुरान को सद्दाम हुसैन के सामने पेश किया गया था। सद्दाम ने कहा था कि उन्होंने अल्लाह की किताब को अपने खून से लिखकर नजराना पेश किया है। कुछ लोगों का मानना है कि इस कुरान के रूप में उन्होंने खुदा का शुक्र अदा किया था क्योंकि 1996 की जंग में उनका बेटा बच गया था। कुछ लोग इसे ‘राजनीतिक दिखावा’ भी करार देते हैं।

सद्दाम को सताता था हत्या का डर

सद्दाम हुसैन की जिंदगी के कई पहलू थे। अपने अंतिम दिनों में उनका व्यवहार उस ‘सद्दाम’ से बिल्कुल विपरीत हो गया था जो छोटी-छोटी बातों पर अपने मंत्रियों को कड़ी सजा सुना देता था। राजनीतिक जीवन में सद्दाम को हर वक्त इस बात का डर सताता था कि उनकी हत्या हो सकती है। उनके सामने परोसे जाने वाले खाने में जहर की जांच उनके ही कुक का बेटा करता था ताकि उनका कुक कभी उनके खाने में जहर न मिला सके।इतना ही नहीं, सद्दाम के महल में आने वाले गोश्त और खाने की दूसरी चीजों की जांच पहले परमाणु वैज्ञानिक करते थे। उनके स्विमिंग पूल की भी लगातार जांच होती है और उसका तापमान नियंत्रित किया जाता था। दुनिया ने सद्दाम के दो रूप देखे जो उनके मरने के बाद और अधिक स्पष्ट हो गए।

जनता ने थूका और अमेरिकी सैनिक रोए

सद्दाम को फांसी दिए जाने के बाद एक तरफ जहां इराक की जनता उनके शव पर थूक रही थी और उसके साथ बदसलूकी कर रही थी तो वहीं अंतिम दिनों में उनकी सुरक्षा में तैनात 12 अमेरिकी सैनिकों की आंखें नम थीं।

Compiled: up18 News