आगरा: वैशाखी पर्व के उपलक्ष्य में चार दिवसीय भव्य कार्यक्रम का होगा आयोजन, लगेगा कीर्तन दरबार

Press Release

वैशाखी पर्व के उपलक्ष्य में चार दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन, कीर्तन दरबार से संगत निहाल
आगरा: सन 1699 बैसाखी वाले दिन विश्व इतिहास में ऐसी घटना घटी जिसका उदाहरण विश्व में आज तक न है और न ही प्रांतीयवाद शायद आने वाला समय में होगा। इस दिन श्री गोविंद सिंह जी ने ऊंच-नीच एवं प्रांतीयवाद से ऊपर उठकर उन पांच व्यक्तियों को अमृत पिलाया जिन्होंने स्वयं प्रेरणा से आप अपने आप को गुरु चरणों में न्योछावर कर दिया और गुरुजी से अमृत पान किया। कालांतर में वे पंच प्यारे कहलाए जिनका सिख धर्म में विशेष सम्मान है। इन पंच प्यारों का अमृत पान करा कर फिर खुद गुरुजी ने उनसे अमृत पान कर गोविंद राय से गोविंद सिंह बने। इस दिन खालसा पंथ सिख धर्म की सर्जना हुई। ऐसा विश्व में कहीं नहीं है कि किसी गुरु ने अपने ही शिष्यों के आगे नतमस्तक होकर दीक्षा ली हो। यह पावन दिन वैशाखी पूरे विश्व में सिख समाज हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है।

आगरा की समूह सिख संगत द्वारा यह पावन पर केंद्रीय स्तर पर गुरुद्वारा श्री कलगीदार सदर बाजार आगरा पर तीन दिवसीय कार्यक्रम मनाया जाता है। 11 अप्रैल को श्री अखंड पाठ साहिब जी के पाठ की आरंभता, 13 अप्रैल को श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग सुबह 11 बजे पूर्ण उत्साह से लगाया जाएगा। गुरुद्वारा श्री कलगीधर की ओर से समस्त संगतो के सहयोग 11 से 14 अप्रैल तक पंथ के जगदीप सिंह दरबार अमृतसर वाले, जत्थेदार जसपाल सिंह अखंड कीर्तनी जत्था, हरजीत सिंह हजूरी रागी कलगीधर गुरुद्वारा सदर बाजार आगरा कीर्तन द्वारा संगत को निहाल करेंगे

11 अप्रैल को श्री अखंड पाठ साहिब जी की प्रारंभ, 13 अप्रैल को कीर्तन समागम, 14 अप्रैल की सुबह को गुरुद्वारा सदर बाजार में कीर्तन दरबार लगेगा। इस पावन पर्व पर हुकुमनामा अरदास गुरुद्वारे के ज्ञानी अमरीक सिंह द्वारा की जाएगी। समूह संगत का पूर्ण सहयोग गुरद्वारा दुख निवारण गुरु का ताल के संत बाबा प्रीतम सिंह का विशेष सहयोग रहेगा। हर साल की तरह 14 अप्रैल रात्रि को बैसाखी कीर्तन समागम गुरुद्वारा नॉर्थ ईदगाह पर होगा।

प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से प्रेजिडेंट रमन साहनी, सुरजीत सिंह छाबड़ा, राजू सलूजा, गुरु सेवक श्याम भोजवानी, अमरजीत सिंह, दलजीत सिंह, बबलू अर्शी, इंदरजीत सिंह, हरविंदर सिंह आहूजा, बाबा सेरी, बंटी ओबरॉय, रिंपल कोचर, कुलविंदर सिंह, एमएस पुरी, वीरेंद्र सिंह, हरजिंदर सिंह लकी आदि मौजूद रहे।