इफलैंड रिंग जर्मनी भाषा के थिएटर कलाकारों और अभिनेताओं के लिए बड़ा सम्मान माना जाता है। अंगूठी से किसे पुरस्कृत किया जाएगा, उसका पता इसके मौजूदा मालिक के मरने के बाद ही होता है।
ऑगस्ट विलहेम इफलैंड जर्मनी का महान अभिनेता और नाटककार थे। उनका जन्म 19 अप्रैल 1759 को जर्मनी के हैनोवर में हुआ था। उनके नाम पर जर्मनी में एक अंगूठी दी जाती है जिसका मिलना काफी गर्व की बात मान जाती है। यह अंगूठी जर्मनी भाषा के महान अभिनेताओं और थिएटर कलाकारों को दी जाती है। अंगूठी में 28 छोटे-छोटे हीरे जड़े हुए हैं और इफलैंड की तस्वीर है।
इफलैंड रिंग से नवाजा जाने वाला इंसान ही अपने वारिस का चुनाव करता है लेकिन उसका वारिस कौन है, यह उसके मरने के बाद पता चलता है। इफलैंड रिंग से पुरस्कृत इंसान अपनी जिंदगी में एक पर्ची पर अपने वारिस का नाम लिखकर एक तिजौरी में रख देता है।
विएना स्थित उस तिजौरी की सख्त सुरक्षा की जाती है। जब मौजूदा इफलैंड रिंगधारक की मौत हो जाती है तो अधिकारियों का एक दल तिजौरी को खोलता है और अगले वारिस का नाम पता करता है। इसके बाद एक समारोह का आयोजन होता है जिसमें वारिस को अंगूठी से पुरस्कृत किया जाता है।
अभी किसके पास है अंगूठी?
16 जून को यह अंगूठी जर्मनी के महान थिएटर कलाकार जेंस हार्जर को भेंट की गई है। जेंस हार्जर से पहले प्रसिद्ध स्विस ऐक्टर ब्रूनो गैंज के पास यह अंगूठी थी। फरवरी में उनका निधन हो गया। गैंज विम वेंडर्स की फिल्म विंग्स ऑफ डिजायर में एंजल की भूमिका निभाने के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।
इतिहास इफलैंड रिंग का इतिहास स्पष्ट नहीं है। एक कहानी के मुताबिक इसका संबंध प्रसिद्ध लेखक जोहान वूल्फगैंग वॉन गोएथे से है। उन्होंने 19वीं सदी की शुरुआत में यह अंगूठी जर्मनी के अभिनेता और नाटककार ऑगस्ट विलहेम इफलैंड को दी थी। अंगूठी के इतिहास में अब तक इसे नौ लोगों को दिया गया है।
जुड़ा है अभिशाप
1911 में यह अंगूठी अल्फ्रेड बैसरमैन को दी गई। उनके समय इस अंगूठी के साथ एक अभिशाप जुड़ गया। अल्फ्रेड बैसरमैन ने जिस इंसान को अपना उत्तराधिकारी चुना, उसकी मौत हो गई। इस तरह एक-एक करके उन्होंने तीन उत्तराधिकारी बनाए और तीनों की मौत हो गई। उसके बाद बैसरमैन ने आखिरी वाले वारिस के ताबूत के साथ अंगूठी को भी दफनाना चाहा लेकिन ऑस्ट्रिया के बड़े प्लेहाउस बर्गथिएटर के निदेशक ने अंगूठी को बचा ली।
1952 में बैसरमैन का निधन हो गया। तीन वारिस की मौत के बाद उन्होंने अपना कोई और वारिस नहीं चुना था। उसके बाद यह अंगूठी दो साल तक कहां रही यह पता नहीं है। 1954 में यह अंगूठी जर्मनी के एक अभिनेता वर्नर क्राउस को दी गई। उनके बाद यह अंगूठी जोसफ मीनरैड को दी गई। 1996 से 2019 तक यह अंगूठी ब्रूनो गैंज के पास रही।
-एजेंसियां