नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना के लिए 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट की विदेशी कंपनी से खरीद को रद्द कर दिया है. अब ये खरीद सरकारी कंपनी से ही की जाएगी. दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने फाइटर एयरक्राफ्ट की डील के लिए RFI को रद्द कर दिया है. विदेशी लड़ाकू जेट आयात करने के बजाय वायुसेना ADA-HAL की ORCA/TEDBF परियोजना का समर्थन करेगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस परियोजना के लिए 50,000 करोड़ की सीसीएस मंजूरी दी गई है.
मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
यह खरीद ‘मेक इन इंडिया’ को एक बड़ा बढ़ावा देगी क्योंकि विमान को एचएएल के अलावा कई स्थानीय विक्रेताओं की भागीदारी के साथ स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा.अधिकांश उपकरण और सिस्टम स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त होने के कारण, ये लड़ाकू विमान सरकार की मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत स्कीम को बढ़ावा देंगे.
पहले ये था प्लान
सरकारी सूत्रों के मुताबिक हाल ही में, भारतीय वायु सेना ने विदेशी विक्रेताओं के साथ बैठक की और उनसे मेक इन इंडिया परियोजना को अंजाम देने के तरीके के बारे में पूछा. योजना के मुताबिक शुरुआती 18 विमान आयात करने के बाद अगले 36 लड़ाकू जेट्स देश में ही बनाए जाने का प्लान था. इन फाइटर जेट्स की कीमत फॉरेन और इंडियन करेंसी दोनों में की जाएगी.
आखिरी 60 फाइटर जेट्स की जिम्मेदारी भारतीय पार्टनर की होगी. जिसके लिए सरकार केवल भारतीय मुद्रा में पेमेंट करने वाली थी. इसके पीछे वजह है कि इस कदम से प्रोजेक्ट में शामिल वेंडर्स को 60% से अधिक ‘मेक-इन-इंडिया’ सामग्री हासिल करने में मदद मिलेगी.
– एजेंसी
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