देश के रिटेल सेक्टर में किसी जमाने में बिग बाजार की तूती बोलती थी। इसे ऑपरेट करने वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल को खरीदने के लिए मुकेश अंबानी ने 24,713 करोड़ रुपये की डील की थी। इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 900 अरब डॉलर के भारत के रिटेल मार्केट पर कब्जा करने के लिए दुनिया की कई कंपनियों की इस पर नजर थी। लेकिन आज हालत यह है कि इसे खरीदने में किसी की भी बड़ी कंपनी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इनसॉल्वेंसी प्रोसेस से गुजर रही इस कंपनी के लिए केवल स्क्रैप डीलरों ने बोली लगाई है।
भारी कर्ज में डूबे किशोर बियाणी की इस कंपनी को खरीदने के लिए कभी 49 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी। इनमें भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल भी थी। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) के आकड़ों की मानें तो फ्यूचर रिटेल पर बैंकों का करीब 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी के लिए केवल स्क्रैप डीलर्स ने ही बोली लगाई है।
गुरुग्राम के एक ऑनलाइन स्क्रैप डीलर ने फ्यूचर रिटेल को खरीदने के लिए 550 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई है। यानी बैंकों को भारी नुकसान होना तय है। कभी बिग बाजार के देश में 1500 स्टोर थे लेकिन आज इनमें ताला लगा हुआ है।
रिलायंस के साथ डील
फ्यूचर ग्रुप ने अगस्त 2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के साथ 24,713 करोड़ रुपये की एक डील की थी। इस समझौते के तहत रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक में एक्टिव फ्यूचर ग्रुप की 19 कंपनियों को रिलायंस रिटेल खरीदने वाली थी लेकिन अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन (Amazon) ने इसका विरोध किया। यह मामला अदालत भी पहुंचा। इस बीच रिलायंस ने बिग बाजार के 900 स्टोर्स पर कब्जा कर लिया था, आखिरकार पिछले साल अप्रैल में रिलायंस ने इस डील को कैंसिल करने की घोषणा कर दी।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.