आगरा: अक्सर ताजमहल पर छोटे-छोटे बच्चे आपको सामान बेचते हुए दिखाई दे जाएंगे। यह बच्चे पर्यटकों को सामान बेचते हैं जिससे उन्हें जीवन यापन के लिए दो पैसे मिल सके। विदेशी पर्यटकों को सामान बेचने पर देश की छवि भी धूमिल होती है। क्योंकि अक्सर पर्यटक ऐसी ही तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद करते हैं और सोशल साइट्स पर अपलोड भी कर देते हैं। ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाए इसके लिए ताज सुरक्षा में जुटी पुलिस प्रयासरत है। आज भी ताज सुरक्षा में तैनात पुलिस कुछ बच्चों को लेकर बालमित्र पुलिस थाना पहुंची और यहां पर उनकी काउंसलिंग की।
ताजमहल के आसपास बच्चे पर्यटकों को सामान बेचते हुए दिखाई देते हैं। ऐसा करना भी इनकी मजबूरी है क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने पर मां-बाप इन्हें ऐसा करने के लिए भेज देते हैं लेकिन यह संविधान के विरुद्ध भी है और गैरकानूनी भी है। छोटे बच्चों से बाल श्रम नहीं कराया जा सकता। इसलिए पर्यटन पुलिस द्वारा ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है, उनके अभिभावकों को भी बुलाया जा रहा है। बालमित्र पुलिस थाने में इन बच्चों की तो काउंसलिंग की जाती है। वहीं अभिभावकों को भी समझाया जा रहा है जिससे वह बच्चों से बालश्रम ना कराएं।
एसीपी ताज सुरक्षा ने बताया कि इस प्रयास के लिए एनजीओ की मदद की जा रही है। एनजीओ उनके साथ काम करने को तैयार हैं और उनके प्रयास से बच्चों की काउंसलिंग हो रही है जिससे वह शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ सकें।जल्द ही ऐसे बच्चों को स्कूल भेजने और शिक्षण पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने का भी कार्य किया जाएगा जिससे यह बच्चे फिर ताजमहल के आसपास सामान बेचते हुए दिखाई ना दे बल्कि इनके हाथों में भी कलम और पुस्तक हो।
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