आगरा पुलिस ने एक ऐसे कॉल सेंटर का खुलासा किया है जिसके बारे में जानकर आप भी चौक जाएंगे। यह कॉल सेंटर भले ही आगरा से संचालित हो रहा हो लेकिन इसके निशाने पर अमेरिकी नागरिक थे। कॉल सेंटर का सरगना और कार्यरत कर्मचारी बड़े ही शातिर थे जो यूएस में बैठे लोगों से उन्हीं की भाषा में बात करके उनकी बैंक संबंधित जरूरी जानकारी निकाल लेते थे और फिर उनके साथ फ्रॉड को अंजाम दिया करते थे। पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को अंजाम देकर जेल भेज दिया।
डीसीपी सिटी विकास कुमार का कहना है कि जो कॉल सेंटर इस ग्रुप के द्वारा संचालित किया जा रहा था वह नियमानुसार था लेकिन उसकी आड़ में ये लोग साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे थे। इन लोगों ने अपने निशाने पर अमेरिकियों को रखा था। यह लोग अमेरिकी बनकर ही वहां के लोगों से बात किया करते थे। अमेरिकी लोगों से बातचीत करने के दौरान विभिन्न योजनाओं का प्रलोभन देकर उनकी बैंक से संबंधित तथा उनके आईडेंटिफिकेशन की सारी जानकारियां ले लिया करते थे।
फिर उसके बाद उसी को पीड़ित बनाकर उनके बैंक में फोन किया करते थे कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। इस पर बैंक कार्रवाई करते हुए उसके अकाउंट को फ्रीज कर देता था और उसके अकाउंट की रकम जमा कर दिया करता था। अकाउंट फ्रीज हो जाने और उसमें रकम आ जाने पर फिर यह बैंक धारक को फोन करते थे कि मैंने आपके अकाउंट में पैसा डलवा दिया है, आप उसे इस तरह से यूज कर सकते है। बैक अकाउंट धारक को फोन करके उससे जानकारी जुटाकर अपने बैंक अकाउंट में पैसे मंगवा लिया करते थे.
इस पूरे नेटवर्क और साइबर फ्रॉड को कॉल सेंटर के माध्यम से अंजाम देने वाले सभी युवक पढ़े लिखे हैं। अच्छी खासी इंग्लिश भी जानते हैं। अमेरिकी एक्सेंट में फ्लूएंट इंग्लिश बोलते हैं जिससे यूएस के लोग भी इन्हें अमेरिकी ही समझते हैं और उन्हें अपनी सारी जानकारियां भी उपलब्ध करा देते हैं।
डीसीपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि इस ग्रुप को संचालित कर रहा युवक एक पूर्व अधिकारी का बेटा है। यह किस तरह से अपने कार्य को अंजाम दिया करते थे इसका एक डेमो भी लिया गया, सभी की फ्लूएंट इंग्लिश सुनकर वह भी दंग रह गए। अमेरिकी एक्सेंट में इंग्लिश बोलना हर किसी की बस की बात नहीं लेकिन बिना गलती किए यह सारे लोग अमेरिकी इंग्लिश बोल रहे थे।
डीसीपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर से जुड़ गया है। इसीलिए इस संबंध में अमेरिकी दूतावास को भी जानकारी साझा की गई है जिससे वह अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क कर जिन लोगों के साथ फ्रॉड हुआ है उनके बारे में जानकारी जुटा सकें। वहां से भी पता चल सके कि कितने लोगों के साथ इन लोगों ने फ्रॉड को अंजाम दिया है।
डीसीपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि इस कॉल सेंटर को संचालित करने वाले युवक के साथ कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है और उन्हें जेल भेजा जा रहा है साथ ही इस पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। पुलिस ने कॉल सेंटर से कंप्यूटर लैपटॉप हार्ड डिक्स व अन्य स्रोत से संबंधित सामग्री को बरामद किया है।
डीसीपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि फ्रॉड से संबंधित जो भी वस्तुएं और जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है उससे पता चलता है कि यह पूरा गिरोह 1 दिन में लगभग ₹1 लाख का फ्रॉड किया करता था। फ्रॉड की रकम इससे ज्यादा है या नहीं अब यह पता लगाना है।
डीसीपी ने आशंका जताई है कि इस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह से फ्रॉड को अंजाम दिया जा रहा है, इससे साफ है कि भारत के अलावा अमेरिका के लोग भी इसमें शामिल होंगे तभी तो अमेरिकी लोगों की इन्हे जानकारी मिलती है। मामला बेहद संजीदा है इसीलिए जांच अभी जारी है।