आगरा: लगभग 6 माह पूर्व आरपीएफ आगरा कैंट पर तैनात आरपीएफ के दरोगा और सिपाहियों ने मिलकर जीजा साले का अपहरण किया था। इस अपहरण कांड को अंजाम देने के दौरान चौथ भी मांगी गई थी। मामले का खुलासा हुआ तो लगभग आधा दर्जन आरपीएफ कर्मियों पर गाज गिर गई थी। विभाग इंटरनल जांच करा रहा था। अब इस जांच में तीन लोग पूरी तरह से दोषी पाए गए हैं जिन्हें आरपीएफ की सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
उप निरीक्षक और दो सिपाही पर गिरी गाज
आगरा कैंट आरपीएफ पोस्ट पर तैनात आरपीएफ दरोगा द्वारा कपड़ा व्यापारी जीजा-साले के अपहरण मामले में लगभग आठ आरपीएफ कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। इस मामले में विभाग भी अपनी इंटरनल जांच करा रहा था। जांच टीम ने कुछ आरपीएफ कर्मियों के खिलाफ अपनी रिपोर्ट समिट कर दी जिसके बाद एक उप निरीक्षक और दो सिपाही पर गिरी गाज गिर गयी। इनके खिलाफ मेजर चार्जशीट थी। यह इस कांड में मुख्य भूमिका में थे। इतना ही नही तत्कालीन इंस्पेक्टर के खिलाफ अभी जांच जारी है, जल्द ही जांच टीम अन्य लोगों के खिलाफ भी अपनी रिपोर्ट देगी।
इस पूरे मामले को लेकर आएगा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले को लेकर विभागीय जांच चल रही थी। टीम ने कुछ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दी थी जिसके आधार पर तीन आरपीएफ कर्मी जो इस अपहरण कांड में शामिल थे, उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है तो वहीं तत्कालीन इंस्पेक्टर के खिलाफ साथ ही अन्य लोगों के खिलाफ जांच अभी जारी है।
यह था पूरा मामला
मामला 13 दिसंबर 2022 का है। मूलरूप से जलेसर निवासी कासिम तीन वर्ष से परिवार के साथ मलपुरा क्षेत्र के अभयपुरा में रहता है। वह फेरी लगाकर कपड़ा बेचता है। दो दिन पहले उसके घर अलीगढ़ के चंदौस में रामपुर शाहपुर निवासी जीजा इकरार भी आया था। घटना के दिन दोनों घर में थे। रात एक बजे सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी से पांच लोग पहुंचे। इनमें चार लोग वर्दी पहने थे। चारों मारपीट कर कासिम और इकरार को उठाकर ले गए। इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि घर से युवकों का अपहरण करके फिरौती मांगने वाले आरपीएफ पुलिसकर्मी थे।
₹4 लाख की हुई थी डिमांड
जीजा साले को छोड़ने के एवज में चार लाख रुपए मांगे गए थे। किसी तरह 12 हजार रुपये का इंतजाम करके कासिम उनके द्वारा बताए गए स्थान कैंट पुल के नीचे पहुंचे। वहां पुलिस की वर्दी पहने युवक मिले। कासिम ने 12 हजार रुपये देकर हाथ जोड़कर छोड़ने को कहा, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। कासिम ने वहां से वापस आकर रुपये का इंतजाम करने की कोशिश की, लेकिन इंतजाम नहीं हो सका। आरोपितों ने दोबारा उसके मोबाइल पर व्हाट्सएप काल की और कहा कि दो लाख रुपये नहीं मिले तो वे उसके भाई और जीजा को मार देंगे।
भाई और जीजा को छुड़ाने का कोई रास्ता न सूझने पर कासिम मलपुरा थाने पहुंचा था और फिर एसओ मलपुरा को पूरी घटना से अवगत कराया। थाना क्षेत्र से अपहरण हो जाने की जानकारी पाकर तत्कालीन मलपुरा एसओ की भी होश उड़ गए थे। आनन-फानन में कार्रवाई शुरू की गई और उच्च अधिकारियों को भी इस मामले से अवगत कराया गया। उसके बाद अपहरणकर्ताओं को छुड़ाने के लिए पुलिस ने आपरेशन शुरू कर दिया। पुलिस के कहने पर कासिम ने आरोपियों से कह दिया कि उसने इंतजाम कर लिया है। इसके बाद वर्दीधारियों ने उसे रुपये लेने के लिए शमसाबाद रोड पर अमर होटल के पास बुलाया। वहां पुलिस ने पहले से ही घेराबंदी कर ली थी। जैसे ही अपहरणकर्ता फिरौती लेने आए पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
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