Agra News: अभियान के जरिए कुष्ठ से मुक्ति पा रहे मरीज, दो साल में 40 हो चुके स्वस्थ

Press Release

आगरा: नगला विधिचंद निवासी अहमद (बदला हुआ नाम) के लिए कुष्ठ रोगियों को खोजने का अभियान वरदान साबित हुआ। अभियान के जरिये ही वह सरकारी इलाज तंत्र से जुड़े और एक वर्ष के उपचार के बाद कुष्ठ से मुक्ति पा चुके हैं। उनके जैसे चालीस लोग बीते दो वर्षों में इलाज के जरिये कुष्ठ को मात दे चुके हैं।

28 वर्षीय अहमद खान (बदला हुआ नाम) बताते हैं कि नवंबर 2021 में उनकी तबीयत खराब हुई । इसके उनके पैरों पर सूजन आ गई। वह बताते हैं, ‘‘सूजन ठीक होने के पश्चात मेरे पैरों में लाल धब्बे पड़ गए, धीरे-धीरे यह सुन्न लाल धब्बे शरीर के कुछ निजी अंगों को छोड़कर पूरे शरीर में फैल गए।” सुन्न लाल धब्बे शुरू हुए तो अहमद ने पहले उनको अनदेखा किया। पिछले वर्ष जुलाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर आई और उन्होंने कुष्ठ रोग के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगर उऩके घर या आसपास किसी को कुष्ठ रोग की समस्या हो तो उसकी जानकारी अवश्य दें। अहमद बताते हैं कि उनके मन में यह बात आई कि अगर मोहल्ले में सबको पता चल गया कि उन्हें कुष्ठ रोग है, तो लोग उनसे भेदभाव करेंगे। टीम द्वारा समझाया गया कुष्ठ रोग का इलाज समय से न करने से वह और बढ़ता है और दिव्यांगता का भी रूप ले लेता है । इसके बाद उन्होंने टीम को पूरी सही जानकारी से अवगत कराया। शरीर के लाल धब्बे सुन्न भी थे। टीम ने परिवार के बाकी सदस्यों की भी स्क्रिनिंग किया । टीम द्वारा अहमद के धब्बों की फोटो खींची गई । इसके बाद नॉन मेडिकल असिस्टेंट राकेश बाबू ने जांच करवा कर उपचार शुरू कर दिया । उपचार के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा भी फॉलो अप के साथ-साथ काउंसलिंग की गई ।

वह बताते हैं कि कुष्ठ के उनके उपचार के बारे में सिर्फ परिवार को पता था और परिवार ने कभी भी भेदभाव नहीं किया। अगस्त 2023 में उपचार बंद हो गया । 12 माह तक नियमित रूप से उन्होंने दवाई खाई और एक दिन भी दवाई नहीं छोड़ी और आज वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम के तहत जनपद आगरा में भी वर्ष 2021 से सघन कुष्ठ रोगी खोज एवं नियमित निगरानी अभियान चलाया जा रहा है। बीते दो साल में इस अभियान के जरिए 42 कुष्ठ रोगियों की पहचान कर उनका उपचार शुरू किया गया। इनमें से 40 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि इस साल भई सितंबर माह में भी इस अभियान को संचालित किया जा रहा है। इसके तहत 15 ब्लॉक सहित छह नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के क्षेत्रों में 1293 टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है।उन्होंने बताया कि एक सितंबर से संचालित अभियान में अभी तक 30 संभावित कुष्ठ रोगियों की पहचान की गई। जांच में पुष्टि होने के बाद इनका उपचार शुरू किया जाएगा।

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. सीएल यादव ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 64 नये मरीज चिन्हित हुए थे l अप्रैल 2022-23 में 107 नये मरीज चिन्हित हुए थे । इन सभी मरीजों को उपचारित कर दिया गया है l अप्रैल 2023से अब तक 72 नये मरीज चिन्हित हुए हैं। सभी का उपचार जारी है।

उन्होंने बताया कि यदि किसी को मांसपेशियों में कमजोरी, त्वचा पर धब्बे और कम संवेदना होना या कोई संवेदना न होना, पैर और हाथों में सुन्नता महसूस होना, पैरों और हाथों पर दर्द रहित घाव या जलन, त्वचा पर लाल धब्बे या उनमें रंजकता की कमी होना जैसे लक्षण हैं तो तुरंत इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग की टीम को दें ताकि समय से बीमारी की पहचान कर इलाज हो सके। कुष्ठ रोगियों के लिए मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) को अत्यधिक प्रभावी उपचार माना जाता है और एक खुराक के बाद भी पीड़ित व्यक्ति संक्रामक नहीं रहता है।

डिप्टी डीएलओ डॉ. ध्रुव गोपाल ने बताया कि कुष्ठ रोगियों से भेदभाव न करें । यह आम संक्रमण की तरह ही है, जो मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) से ठीक हो जाता है लेकिन समय पर इलाज न किया जाए तो यह बीमारी दिव्यांगता का भी रूप ले सकती है।

ऐसे होता है उपचार

पीबी- (पॉसी बेसिलरी) छह माह तक इलाज
एमबी- (मल्टी बेसिलरी) 12 माह तक इलाज