इंटरनेट और मोबाइल का इस्तेमाल डाल रहा है परिवार पर असर…

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एक सर्वे में 70 फीसदी पैरेंट्स ने इस बात को स्वीकार किया कि वे जरूरत से ज्यादा समय ऑनलाइन रहते हैं। वहीं 72 फीसदी पैरेंट्स ने माना है कि इंटरनेट और मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल का असर परिवार पर पड़ता है और उनका सामान्य पारिवारिक जीवन भी इसकी वजह से बाधित हो रहा है।

इंटरनेट यूज को लेकर बच्चों पर भरोसा करते हैं पैरेंट्स

ऑनलाइन सेल्फ-रेगुलेशन को प्रमोट करने के लिए ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी फर्म कैस्परस्काई द्वारा कराए गए सर्वे में 52 प्रतिशत पैरेंट्स ने इस बात को लेकर सहमति जताई कि उनके बच्चे इस बात को जानते हैं कि कब इसका इस्तेमाल अधिक हो चुका है और उन्हें इसे बंद कर देना चाहिए।
सर्वे के डेटा के अनुसार इंटरनेट से कब ब्रेक लेना है इस बात को लेकर पिता (57 प्रतिशत) अपने बच्चों पर माताओं (48 प्रतिशित) से अधिक विश्वास करते हैं।

साइबर खतरा महज एक क्लिक की दूरी पर

सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि 40 प्रतिशत पैरेंट्स को ऐसा लगता है कि उन्हें अपने बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी को नियंत्रित करने की जरूरत नहीं है जबकि यह खतरनाक साबित हो सकता है, भले ही बच्चे ऑनलाइन एप्लिकेशन्स को लेकर जानकारी रखते हों लेकिन साइबर खतरे महज एक क्लिक की दूरी पर होते हैं।

इंटरनेट की दुनिया बच्चों को करती है आकर्षित

कैस्परस्काई में कंज्यूमर प्रोडक्ट मार्केटिंग हेड मरीना टिटोवा ने कहा, ‘इंटरनेट और डिजिटल सर्विस बच्चों को आकर्षक सामग्री मुहैया करवाते हैं, जिससे उनका ध्यान लंबे समय तक उसी में लगा रहता है। यह भी गौर करने की बात है कि अभिभावकों के साथ असल दुनिया भी काफी आकर्षक हो सकती है। वह भी तब, जब वह बच्चों के साथ अन्य क्रियाकलापों में रुचि लें।’

वेब दुनिया के आदी हैं 70 प्रतिशत लोग

अपने बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी के साथ-साथ अभिभावक खुद भी मोबाइल फोन के प्रयोग की अपनी आदतों को लेकर प्रतिबंधक प्रकृति नहीं अपनाते हैं जबकि 70 प्रतिशत ने माना है कि वह किसी तरह से वेब के व्यसनी हैं। सर्वे के डेटा के अनुसार 51 प्रतिशत लोग इंटरनेट और मोबाइल डिवाइसों को खुद की और अपने बच्चों की बातचीत को प्रभावित करने की अनुमति दे देते हैं।

-एजेंसियां