अगर आपको चैन की नींद नहीं आती तो इसकी हो सकती हैं बहुत-सी वजहें

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इंसान अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा सोने में गुजारता है और अगर आपको चैन की नींद नहीं आती तो इसकी बहुत-सी वजहें हो सकती हैं। हो सकता है आपकी तनख्वाह कम हो, आप सिगरेट पीते हों, समय पर खाना न खाया हो या फिर मोटापे के कारण सोने में दिक्कत आ रही हो।

हाल ही में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में प्रफेशनल्स के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में नींद से जुड़े कई तथ्य सामने आए।

वरदान से कम नहीं है अच्छी नींद

नींद से जुड़े मामलों के विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु गर्ग कहते हैं, लोग नींद को उतनी तवज्जो नहीं देते, जितनी देनी चाहिए। अच्छी नींद किसी वरदान से कम नहीं है। शरीर की कार्यक्षमता, कार्यकुशलता, याददाश्त और चुस्ती फुर्ती बनाए रखने में नींद का बड़ा योगदान है।

अच्छी नींद से लगता है काम में मन

सर्वे के अनुसार कम वेतन पाने वालों को नींद कम आती है और अगर वेतन बढ़ जाए तो नींद की मियाद भी बढ़ जाती है। जो लोग अच्छी नींद सोते हैं, उनमें दो-तिहाई से ज्यादा लोगों का कहना था कि वह पूरे मन से काम करते हैं और उसके परिणाम भी बहुत अच्छे आते हैं। इसकी तुलना में कम सोने वाले लोग अपना कोई भी काम पूरे मन से नहीं कर पाते।

शोर की वजह से भी नहीं आती नींद

गद्दे बनाने वाली एक कंपनी द्वारा कराए गए इस सर्वे के अनुसार बेंगलुरू में लोग बिस्तर पर जाने के कुछ देर के भीतर ही सो जाते हैं, जबकि दिल्ली और मुंबई में रहने वालों को नींद आने में थोड़ा वक्त लगता है। इसकी वजह बेंगलुरु में शोर के कम स्तर को माना जा रहा है, जबकि दिल्ली और मुंबई का शोर लोगों को सोने नहीं देता।

खाने और सोने में रखें 2 घंटे का अंतर

सर्वे में यह भी सामने आया है कि जो लोग खाना खाने और सोने में 2 घंटे से कम समय का अंतर रखते हैं, उन्हें नींद से जुड़ी समस्या होने की आशंका अधिक होती है। सर्वे से पता चला कि दिल्ली के लोग भारी डिनर के बाद सोने जाते हैं, जबकि मुंबई के लोग कुछ ‘लाइट’ खाकर सोना पसंद करते हैं। इसी तरह अविवाहित और बाल बच्चे वाले दंपती की नींद नि:संतान दंपतियों से कहीं बेहतर होती है। यहां यह भी दिलचस्प है कि अपने बच्चों के साथ सोने वाले माता पिता को नींद आने में मुश्किल होती है।

कसरत करें, अच्छी नींद आएगी

धूम्रपान करने वाले लोगों के मुकाबले ऐसा न करने वालों को बेहतर नींद आती है। सिगरेट की संख्या जितनी बढ़ती जाती है, नींद की मात्रा उतनी कम होती जाती है। यही हाल मोटापे का है, जो लोग खुद को मोटा मानते हैं, उनमें नींद से जुड़ी परेशानियां ढाई गुना तक ज्यादा होती हैं। नियमित तौर पर कसरत करने वालों, जिम जाने वालों और पैदल चलने वालों को बेहतर नींद आती है।

-एजेंसी