नई दिल्ली। भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां सभी धर्मों को बराबर स्थान मिलता है। यहां सभी धर्म के लोग एक दूसरे को श्रद्धा से देखते हैं। कहने को तो भारत में हिंदुओं की संख्या ज्यादा है, बावजूद इसके यहां ईसाई और मुसलमान जैसे सम्प्रदायों ने भी अपने धर्म का प्रचार प्रसार किया और खूब फले-फूले। जहां तक ईसाइयों की बात करें तो जब अंग्रेज भारत आए तब उन्होंने अपनी सभ्यता और संस्कृति का खूब प्रचार किया।
साथ ही अपने पूजा-पाठ और आराधना के लिए ईसाईयों ने भारी संख्या में देश के कोने कोने में कई चर्च बनवाए। वहीं अगर भव्य, प्रसिद्ध गिरजाघरों की बात करें, तो अधिकांश चर्च आपको दक्षिण भारत में मिलेंगे, क्योंकि दक्षिण भारत में ईसाइयों की आबादी अपेक्षाकृत अधिक है।
केरल का वल्लार्पदम चर्च (Vallarpadam Church)
केरल राज्य के एर्नाकुलम स्थित ‘आवर लेडी ऑफ रैनसम’ चर्च अपनी भव्यता और खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इस चर्च में हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। यह पर्यटक ना केवल केरल राज्य के होते हैं, बल्कि अन्य राज्यों से भी भारी मात्रा में पर्यटक इस चर्च में प्रार्थना के लिए आते हैं। इस चर्च को लेकर कहा जाता है कि इसका निर्माण 1524 ई. में पुर्तगालियों द्वारा कराया गया था, लेकिन 1676 में बाढ़ के कारण यह चर्च टूट गया। इसके बाद इस चर्च का पुनः निर्माण कराकर1951 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय तीर्थस्थल घोषित कर दिया।
दिल्ली का ‘कैथेड्रल ऑफ द सेक्रेड हार्ट’ (Cathedral of the Sacred Heart)
देश की राजधानी दिल्ली स्थित ‘कैथेड्रल ऑफ सेक्रेड हार्ट चर्च, भारत का सबसे पुराना चर्च कहा जाता है। सफेद संगमरमर से निर्मित इस चर्च की बात ही निराली है। इस चर्च में इतनी शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव होता है कि यहाँ आने वाले सैलानी घंटों यहाँ समय बिताते हैं। आध्यात्मिकता के साथ ही इसकी वास्तुकला को देखने के लिए भी भारी मात्रा में पर्यटक इस चर्च में आते हैं।
इलाहाबाद का ‘ऑल सेंट्स कैथेड्रल’ (All Saints Cathedral)
इलाहाबाद हिंदुओं की धार्मिक नगरी है, लेकिन इलाहाबाद स्थित ‘चर्च ऑफ स्टोन्स’ के नाम से प्रसिद्ध ऑल सेंट्स कैथेड्रल चर्च भी दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस चर्च को 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने गोथिक शैली में बनवाया था। इसकी डिजाइन तैयार की थी, प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार ‘विलियम इमरसन’ ने, जिसने इससे पहले कोलकाता स्थित विक्टोरिया मेमोरियल की डिजाइन तैयार की थी। अपनी खूबसूरती के साथ-साथ इलाहाबाद का चर्च अपनी विशालता के लिए भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस चर्च में एक साथ 400 लोग बैठ कर प्रार्थना कर सकते हैं।
शिमला का ‘क्राइस्ट चर्च’ (Christ Church)
उत्तर भारत के सबसे प्राचीन चर्च की बात करें तो इसमें दूसरा स्थान रखता है शिमला स्थित ‘क्राइस्ट चर्च’। इसके निर्माण के बारे में कहा जाता है कि 1846 से 1857 के बीच अंग्रेजों ने इस चर्च का निर्माण करवाया था। इस चर्च की सबसे बड़ी खूबसूरती इसकी कांच की खिड़कियां बताई जाती हैं जो खूबसूरत रंगीन कांच से बनी हैं।
तमिलनाडु का ‘वैलंकन्नी चर्च’ (Velankanni Church)
यह चर्च भारत के तमिलनाडु में स्थित है और इस चर्च को ‘बेस्टिल ऑफ अवर लेडी गुड हेल्थ’ के नाम से जाना जाता है। यह चर्च भी अपनी खूबसूरती और भव्यता के लिए जाना जाता है। इस चर्च में हर साल सितंबर में एक उत्सव मनाया जाता है, जिसमें स्थानीय लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
कोलकाता का ‘सेंट पॉल कैथेड्रल’ (St. Paul Cathedral)
पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में स्थित ‘सेंट पॉल कैथेड्रल’ चर्च काफी मशहूर है। इस चर्च को लेकर कहा जाता है कि यह कोलकाता का सबसे पहला चर्च है और सबसे पुराना भी। कोलकाता आने वाला हर एक पर्यटक सेंट पॉल कैथेड्रल चर्च में घूमने के लिए अवश्य जाता है, क्योंकि इसकी कीर्ति पूरे देश में मशहूर है।
तो ये हैं वो भारत के टॉप 6 चर्च, जिसको इस क्रिसमस के अवसर पर आप जरूर घूमना चाहेंगे।
– एजेंसी
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