बीजों की उपलब्धता व उर्वरकों की जमाखोरी पर योगी सरकार सख्त, दिया ये बड़ा आदेश

बीजों की उपलब्धता व उर्वरकों की जमाखोरी पर योगी सरकार सख्त, दिया बड़ा आदेश

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लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने  बुधवार को किसानों को बीज उपलब्ध करवाने को लेकर बड़ा आदेश दिया है। कहा गया है कि बिक्री केंद्रों पर बोआई के समय से 15 दिन पहले बीज उपलब्ध करवाए जाएं। योगी सरकार ने कहा है कि सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में प्राप्त होने वाले उर्वरकों का निर्धारित मूल्य पर ही वितरण हो। जमाखोरी व कालाबाजारी पर कठोरता से नियंत्रण किया जाए।

60.25 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्धता का लक्ष्य

प्रदेश में रबी 2022-23 में 59.45 लाख मीट्रिक टन रसायनिक उर्वरकों का वितरण-खपत हुई थी। 2023-24 के लिए 60.25 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों की उपलब्धता का लक्ष्य प्रस्तावित है। डीएपी की खपत 2022-23 में 14.25 लाख मीट्रिक टन था, 2023-24 में इसका लक्ष्य 15.48 लाख मीट्रिक टन है। एनपीके की खपत विगत वर्ष 3.44 लाख मीट्रिक टन थी, नवीन सत्र में इसका लक्ष्य 3.82 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। एमओपी की खपत 0.86 लाख मीट्रिक टन थी, इसका लक्ष्य 1.32 लाख मीट्रिक टन है। वहीं एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट) की खपत 2022-23 में 2.46 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 2023-24 का लक्ष्य 3.50 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। 2022-23 में कुल खपत 59.45 मीट्रिक टन थी। 2023-24 में इसका लक्ष्य 60.25 मीट्रिक टन उर्वरकों की उपलब्धता का लक्ष्य तय है।

20 तक जौ व 25 तक गेहूं का बीज बिक्री केंद्रों पर हो उपलब्ध

कृषि निवेशों की उपलब्धता के लिए समय-सारिणी तय की गई है। रबी उत्पादन कार्यक्रम की सफलता के लिए कृषि निवेशों की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की व्यवस्था बोआई से पहले कर लेना आवश्यक है। अलसी का बीज 10 अक्टूबर तक बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध कराने की तिथि निर्धारित की गई है। जौ 15 अक्टूबर तक जनपद स्तर और 20 अक्टूबर तक बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध कराना होगा। वहीं गेहूं के बीज जनपद स्तर पर 20 अक्टूबर व बिक्री केंद्रों पर 25 अक्टूबर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि समय से आवंटन व जनपदों में आपूर्ति हो। मंडलीय-जनपदीय अफसरों से कहा गया है कि बिक्री केंद्रों पर बोआई के समय से 15 दिन पहले बीज उपलब्ध हो।

पीएम प्रणाम योजना का भी मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार की तरफ से 2023-24 में पीएम प्रणाम योजना प्रारंभ की गई है। योजनान्तर्गत एकीकृत तत्व प्रबंधन करते हुए रासायनिक उर्वरकों का संतुलित मात्रा में फसलों की आवश्यकता के अनुसार उपयोग किया जाये, यूरिया एवं डी०ए०पी० के वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग किया जाये, जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाये। प्रदेश में रासायनिक उर्वरकों (यूरिया, डी०ए०पी०, एन०पी०के० एवं एम0ओ0पी0) के कम उपयोग के फलस्वरूप अनुदान के रूप में बचत की धनराशि का 50 प्रतिशत राज्य सरकार को दिया जाना प्रस्तावित है। राज्यों को दिये जाने वाले ग्रांट का 95 प्रतिशत राज्य सरकार को एवं 5 प्रतिशत उर्वरक विभाग, भारत सरकार को प्रचार-प्रसार मद में दिया जायेगा। राज्य के द्वारा योजनान्तर्गत प्राप्त धनराशि का 65 प्रतिशत पूंजीगत व्यय तथा 30 प्रतिशत राज्य की विशिष्ट गतिविधियों के लिये अनटाइड फंड में किया जायेगा।

Compiled: up18 News