लिट्टे चीफ प्रभाकरण की मौत पर क्‍यों उठते हैं सवाल?

Cover Story

नेदुमारन वर्ल्‍ड कन्‍फेडरेशन ऑफ तमिल्‍स के चीफ हैं। वह बोले थे कि प्रभाकरण जल्द ही ईलम तमिलों के लिए बेहतर जीवन की योजना की घोषणा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि लिट्टे प्रमुख कुशल-मंगल में हैं। उनके सामने आने के लिए अनुकूल माहौल बन गया है।

हालांकि, श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने नेदुमारन के दावे को मजाक बताकर खारिज कर दिया था। उसने कहा कि लिट्टे प्रमुख मारा गया था। डीएनए टेस्‍ट इसे साबित कर चुका है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल नलिन हेराथ ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि 18 मई 2009 को प्रभाकरण मारा गया था। डीएनए इसका सबूत है।

श्रीलंका सरकार ने मई 2009 में दावा किया था कि उसने प्रभाकरण को मार गिराया है। प्रभाकरण की हत्या के कुछ दिनों बाद श्रीलंका के एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा था कि विद्रोही नेता और उनके बेटे चार्ल्स एंटनी के शवों पर किए गए डीएनए टेस्‍ट मेल खाते हैं। लिट्टे प्रमुख का शव मुल्लैतिवु क्षेत्र में नांथिकादल लगून के तट पर मिला था। प्रभाकरण ने श्रीलंका के उत्तर और पूर्वी प्रांतों में तमिलों के लिए स्वतंत्र राज्य की लड़ाई का नेतृत्व किया था। 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के पीछे लिट्टे का हाथ था।

प्रभाकरण की मौत पर क्‍यों उठते हैं सवाल?

प्रभाकरण के चेहरे की क्लोज-अप तस्वीरों ने मारे गए विद्रोही नेता की पहचान के बारे में थोड़ा भी संदेह नहीं छोड़ा था। लेकिन, श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने इसे डीएनए फिंगरप्रिंटिंग के जरिये कैसे स्थापित किया था? शरीर से जुटाए डीएनए को रेफर और तुलना करने के लिए उनके पास कौन से टिश्‍यू थे?

इससे पहले कभी भी प्रभाकरण के शरीर से कोई नमूना नहीं लिया गया था। न तो उसके पिता या मां के नमूने थे। संदर्भ सामग्री प्रभाकरण के बेटे के डीएनए नमूनों से आ सकती थी। उसका शव भी अधिकारियों ने बरामद करने का दावा किया था।

दुनियाभर में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं पॉलीमरेज चेन रिऐक्शन (पीसीआर) का उपयोग करके डीएनए स्ट्रैंड के कुछ रीजन बढ़ा डीएनए सीक्‍वेंस के शॉर्ट टैंडम रिपीट (एसटीआर) नाम की तकनीक का इस्‍तेमाल करती हैं। पैतृक विवादों के मामलों में यह स्‍टैंडर्ड टेस्‍ट है। मानव कोशिका में गुणसूत्र (क्रोमोसोम) के 23 जोड़े होते हैं। इनमें ऑटोसोम्‍स के 22 जोड़े और सेक्स क्रोमोसोम का एक जोड़ा शामिल है। एक व्यक्ति को 50 फीसदी गुणसूत्र पिता और बाकी मां से विरासत में मिलते हैं।

ऐसे मामलों में जो वैज्ञानिक साक्ष्य हो सकता है वह यह है कि मां के साथ भी बेटे के नमूनों की तुलना की जाए। यह देखने के लिए कि डीएनए सीक्‍वेंस माता-पिता दोनों के साथ मेल खाता है या नहीं। लेकिन, इस मामले में प्रभाकरण की पत्नी मथिवदानी के सैंपल नहीं मिल सके।

श्रीलंका की टेक्‍नोलॉजी पर है संदेह

हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के निदेशक लालजी सिंह ने कहा कि यहां एक और अवसर वाई क्रोमोसोम एम्‍प्‍लीफिकेशन तकनीक है। अगर वे पिता और पुत्र हैं, तो वाई क्रोमोसोमल स्ट्रैंड में सीक्‍वेंस 100% मेल खाने चाहिए। कारण है कि वाई क्रोमोसोम केवल पुरुषों में पाया जाता है। अपने पिता से इसे बेटे को विरासत में मिलता है।
हालांकि, विशेषज्ञ इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि क्या श्रीलंका इतने कम समय में इस तरह का हाई-एंड एनालिसिस कर सकता था। सिंह ने कहा, ‘श्रीलंका ने यह नहीं बताया कि उन्‍होंने क्‍या तरीका अपनाया। मेरी जानकारी में वहां कोई ऐसी परिष्कृत प्रयोगशाला नहीं है जो इस तकनीक को इतनी तेजी से कर सके।’

लेकिन, लंका के अधिकारियों के पास अन्य सबूत भी थे। प्रभाकरण के शरीर की पहचान उसके दो पूर्व सहयोगियों ने कुछ निशानों और बर्थमार्क्‍स की मदद से की थी।

फेडरल मिनिस्‍टर विनायगामूर्ति मुरलीधरन उर्फ करुणा अम्मन और दया मास्‍टमर ने प्रभाकरण के शरीर की पहचान की थी। करुणा अम्मन एक समय प्रभाकरण के करीबी थे। दया मास्‍टर लिट्टे का पूर्व मीडिया प्रवक्ता था। उसने आत्‍मसमर्पण किया था।

Compiled: up18 News