कोरोनो वायरस की साइंटिफिक रिसर्च को रोकने पर WHO ने चीन को लगाई लताड़

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दुनिया में कोविड ने साल 2020 में दस्तक दी थी। ये घातक कोरोना वायरस सबसे पहले चीन के वुहान शहर में पाया गया था। अब 3 साल बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीनी अधिकारियों को वैज्ञानिक अनुसंधान रोकने के लिए फटकार लगाई, जिससे कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में पता चल सकता था।

रैकून कुत्तों से फैल सकती है कोरोना महामारी

वायरस विशेषज्ञों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने कोरोना वायरस से जुड़े डेटा को डाउनलोड किया और शोध का विश्लेषण करना शुरू किया। टीम ने खुलासा किया कि डेटा के मुताबिक महामारी रैकून कुत्तों से शुरू हो सकती है, जिसने चीन के वुहान हुआनान सीफूड होलसेल मार्केट में मनुष्यों को संक्रमित किया। द न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार जब विशेषज्ञों ने अपने चीनी समकक्षों के साथ विश्लेषण पर सहयोग करने की पेशकश की तो टीम अंतिम परिणाम तक नहीं पहुंच सकी क्योंकि वैज्ञानिक डेटाबेस से जीन सीक्वेंस हटा दिए गए थे।

दुनिया के सामने सच आना चाहिए: WHO

WHO के डायरेक्टर डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि चीन को तीन साल पहले गायब किए गए सबूत को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ शेयर किया जाना चाहिए क्योंकि यह बहुत जरूरी है कि दुनिया के सामने सच आए।

उन्होंने कहा कि रिसर्च से पता चला है कि कोरोना वायरस के फैलने के पीछे कारण लोमड़ी जैसा दिखने वाला जानवर रैकून है क्योंकि वायरस का डीएनए रैकून के डीएनए से मेल खा रहा है। यही वायरस चीन के वुहान सीफूड मार्केट में मिला।

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार खोज से पता चलता है कि जानवर संक्रमित हो सकते हैं और हो सकता है कि उन्होंने वायरस को मनुष्यों तक पहुंचाया हो। इस बीच एक फ्रांसीसी जीवविज्ञानी ने पिछले हफ्ते डेटाबेस में अनुवांशिक अनुक्रमों की खोज की और उनकी टीम ने महामारी की उत्पत्ति के बारे में सुराग के लिए रिसर्च शुरू किया।

Compiled: up18 News


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