महाराष्‍ट्र: शिंदे सरकार ने मानी किसानों की मांगें, 5 दिन बाद थमी लॉन्ग मार्च की लाल आंधी

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हालांकि, इस लॉन्ग मार्च को स्थगित करने का निर्णय लिया गया क्योंकि इससे पहले राज्य सरकार और किसान प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा की और एक समाधान पर पहुंचे।

किसान नेता जे पी गावित ने कहा क‍ि राज्य सरकार ने हमारी 70 प्रतिशत मांगों को मान लिया है। ऐसी जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी विधानसभा में दी है। किसान नेता ने बताया कि हम आंदोलन स्थगित कर रहे हैं।

पांच द‍िन पहले चला था क‍िसानों का जत्‍था

किसान सभा का यह लंबा मार्च नासिक के डिंडोरी से मुंबई की ओर शुरू हुआ। पांच दिन चलने के बाद मजदूरों और किसानों का यह जत्था शहापुर पहुंचा था। अगले कुछ घंटों में यह लॉन्ग मार्च विधान भवन के पास जाने वाला था। हालांकि, इससे पहले ही सरकार और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक सफल रही। इसलिए लॉन्ग मार्च को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। अब इन सभी किसानों की घर वापसी के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है।

हमारी 70 फीसदी मांगें मानी गईं: जेपी गावित​

किसान नेता जेपी गावित ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया क‍ि राज्य सरकार ने उनकी 70 प्रतिशत मांगें मान ली हैं। उत्पादन लागत के आधार पर प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन 2 हजार रुपये तय करने और लाल प्याज के लिए 500 से 600 रुपये की सब्सिडी की घोषणा करने, वन भूमि, देवस्थान और गैरान भूमि के अयोग्य दावों को मंजूरी देने जैसी अलग-अलग मांगें की गईं। नासिक से भी सरकार प्रदर्शनकारियों से लगातार संपर्क में थी, दोनों तरफ से बातचीत चल रही थी। हालांकि, पिछले पांच दिनों में कोई समाधान नहीं हुआ।

​सकारात्मक चर्चा के बाद मानीं मांगें

गाव‍ित ने बताया क‍ि आखिरकार आज की मीटिंग सफल रही। हमने कुल 17 मांगें की थीं, जिनमें से कुछ पर सकारात्मक चर्चा हुई। कुछ मांगों को एक माह बाद लागू किया जाएगा। कुछ मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं और केंद्र सरकार को भेजी जाएंगी। जेपी ने बताया कि इन मांगों को आगे बढ़ाने के लिए कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया है।

Compiled: up18 News

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