सऊदी अरब ने सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर एक महिला को 45 साल की जेल की सज़ा सुनाई है. जानकारों के अनुसार सऊदी अरब में इस तरह का ये दूसरा मामला है.
सऊदी अरब की एक टेररिज़म कोर्ट ने नूरा बिंत सईद अल-कहतानी को सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए सामाजिक ढांचे को बिगाड़ने की कोशिश और सरकारी आदेश के उल्लंघन का दोषी पाया है.
ख़बरों के अनुसार महिला ने सऊदी अरब के नेताओं की आलोचना की थी. हालांकि इसके अतिरिक्त उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स से जुड़ी कोई जानकारी अब तक साझा नहीं की गई है.
इससे पहले 9 अगस्त को एक अन्य महिला को ट्विटर पर उनकी गतिविधियों के लिए 34 साल की जेल की क़ैद सुनाई गई थी. ये महिला लीड्स यूनिवर्सिटी में पीएचडी की छात्रा थी. इसका नाम सलमा अल-शेहाब बताया जा रहा है.
उसे इसी साल जनवरी में सऊदी अरब में छुट्टियां मनाते समय गिरफ़्तार किया गया था. सलमा शेहाब को भी सरकारी आदेश के उल्लंघन सहित कई अन्य आरोपों में दोषी पाया गया था.
इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार कहतानी के ख़िलाफ़ लगे आरोपों का दायरा काफ़ी बड़ा है. उन्हें आतंकवाद-रोधी और साइबर अपराध विरोधी कानूनों के तहत सज़ा दी गई है. ये ऐसे कानून हैं, जिसके तहत दूर-दूर तक सरकार की आलोचना से जुड़े पोस्ट को भी अपराध माना जा सकता है.
बीते साल से अब तक कुछ अन्य महिला कार्यकर्ताओं को भी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए कथित तौर पर हिरासत में लिया जा चुका है. अब आशंका जताई जा रही है कि इन्हें भी कड़ी सज़ा सुनाई जा सकती है.
-एजेंसी