सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल को राजीव गांधी का बिल बताया तो खड़े हुए सवाल

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निशिकांत दुबे ने कहा कि महिला आरक्षण बिल के लिए गीता मुखर्जी और सुषमा स्वराज ने काफ़ी संघर्ष किया.
उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी जब बोल रहीं थी तब लगा कि वो राजनीति से ऊपर उठकर बोलेंगी.”

उन्होंने कहा कि इस मामले में सबसे ज़्यादा आवाज़ उठाने वालों में ‘बंगाल की गीता मुखर्जी और भारतीय जनता पार्टी की सुषमा स्वराज थीं, अगर वो नहीं होती तो आज ये दिन नहीं देखने को मिलता.’

निशिकांत दुबे ने कहा, ” लेकिन सोनिया जी ने (अपने भाषण में) गीता मुखर्जी और सुषमा स्वराज का नाम नहीं लिया.”

उन्होंने कहा, “ये बिल आपका (सोनिया गांधी का) नहीं है. आपने ये नहीं बोलकर राजनीति की. ये प्रधानमंत्री जी (नरेंद्र मोदी) का बिल है.”

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस बिल को लटकाए रखा.

निशिकांत दुबे आज लोकसभा में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद बोलने के लिए खड़े हुए. उनके बोलना शुरू करते ही हंगामा होने लगा. कांग्रेस की ओर से आपत्ति की गई.

इस पर मामले को शांत करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह भी खड़े हुए.

अमित शाह ने कहा, “पुरुषों को भी महिलाओं की चिंता है.”
इससे पहले कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज (बुधवार को) महिला आरक्षण विधेयक को पूर्व प्रधानमंत्री ‘राजीव गांधी का बिल’ बताया.

संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन पत्रकारों ने सोनिया गांधी से विधेयक को लेकर सवाल किया. इसके जवाब में उन्होंने ये बात कही.

पत्रकारों ने सोनिया गांधी से पूछा, ” ये आपका ड्रीम बिल है, आप आज इस पर बोलेंगी”
इस पर सोनिया गांधी ने कहा, “ये राजीव गांधी का बिल था. ”
सोनिया गांधी ने लोकसभा में क्या कहा?

महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण देने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम को समर्थन देते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि ये ‘मेरे साथी राजीव गांधी का ये सपना था, लेकिन मैं सरकार से जानना चाहती हूं कि महिलाओं को इसके लिए कितना लंबा इँतज़ार करना होगा?’

सोनिया गांधी ने लोकसभा में लंबे अर्से बाद भाषण दिया.
उन्होंने कहा, “मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम के समर्थन में बोल रही हूं, महिला ने असीम धीरज के साथ खुद को हारते हुए लेकिन आखिरी बाज़ी में जीतते हुए देखा. भारत की स्त्री के हृदय में सागर सा धीरज है, उसने अपने साथ हुई बेइमानी की शिकायत नहीं की. वो हिमायल की तरह अड़िग रही, वो आराम को नहीं पहचानती और थक जाना भी नहीं जानती. स्त्री ने हमें सिर्फ़ जन्म नहीं दिया उसने हमें सोचने लायक और शक्तिशाली बनाया है. हम स्त्री के त्याग को पहचान कर ही मनुष्य होने को सफल बना सकते है.”

सोनिया गांधी ने कहा, “वो घर-गृहस्थी के तले नहीं दबी और आज़ादी की लड़ाई लड़ी. सरोजनी नायडू से लेकर अरुणा आसफ़ अली तक ने महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू और आंबेडकर के सपने को हकीकत बनाया. इंदिरा गांधी का योगदान इसमें बेहद महत्वपूर्ण रहा.”

उन्होंने कहा, “ये मेरे लिए मार्मिक क्षण है, मेरे जीवनसाथी राजीव गाँधी का ये सपना था, उन्होंने निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी के लिए बिल लाया और पास कराया. आज हमारे पास 15 लाख निकाय चुनाव में चुनी गई महिलाएं हैं, ये राजीव गांधी का सपना था जो अधूरा ही रहा. कांग्रेस इस बिल के समर्थन में हैं, सालों से महिलाएं अपने हक़ के लिए इंतज़ार कर रही हैं लेकिन अब उनसे और भी इंतज़ार करने को कहा जा रहा है. दो साल -चार साल- पांच साल? कितान लंबा होगा ये इंतज़ार.”

“इसके साथ ही जनगणना करा कर पिछड़े तबके से आने वाली महिलाओं को आरक्षण मिलना ही चाहिए. महिलाओं के प्रति आभार प्रकट करने का ये सबसे अहम समय है.”

“मैं सरकार से मांग करती हूं कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम की सारी दिक़्क़तें दूर कर इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए.”

Compiled: up18 News