युद्ध नहीं, हमें चाहिए महावीर और बुद्धः केंद्रीय मंत्री प्रो.एस पी सिंह बघेल

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आवश्यकताओं को सीमित करने से शुद्ध होगा पर्यावरणः डा.मणिभद्र महाराज

मानव मिलन परिवार ने की पर्यावरण व अहिंसा पर संगोष्ठी

वरिष्ठ नागरिक केसरी की आगरा शाखा का शुभारंभ

आगराः केंद्रीय न्याय एवं कानून राज्य मंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल ने कहा है कि जैन मत वैज्ञानिक है, यदि इसका विश्व भर में प्रचार-प्रसार किया जाता तो कुछ और ही नजारा होता। रक्षा बजट कम होता और स्वास्थ्य पर खर्चे में कमी आती।

प्रो. बघेल, कलाकृति कल्चर एवं कन्वेशन सेंटर, फतेहाबाद रोड पर मानव मिलन द्वारा आयोजित अहिंसा एवं पर्यावरण पर आयोजित संगोष्ठी व राष्ट्र संत डा.मणिभद्र महाराज के चादर महोत्सव के मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की आगरा शाखा का शुभारंभ भी किया गया। प्रो.बघेल ने कहा कि रक्षा और स्वास्थ्य बजट पर खर्चा कम होने पर हमारे देश की गरीबी भी दूर हो जाती। महात्मा बुद्ध, गांधी और महावीर ने जिस अहिंसा का संदेश पूरे विश्व को दिया, उसे यदि पूरा विश्व मान ले तो बहुत बड़ी हिंसा रोकी जा सकती है। आज के इस युग को भगवान महावीर और बुद्ध की जरूरत है, युद्ध की नहीं।

प्रो.बघेल ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक केसरी की स्थापना पर बधाई दी और कहा कि बुजुर्गों को सम्मान की जरूरत है। वृद्धाश्रमों की स्थापना के बजाए घरों में उन्हें अधिकाधिक सम्मान दिया जाना चाहिए।

राष्ट्र संत डा.मणिभद्र महाराज ने कहा कि भगवान महावीर ने 2500 वर्ष पूर्व पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश दिया था। उनका कहना था कि पानी जितना जरूरत है, उतना ही लो। बिना कारण पानी का व्यय करना भी हिंसा है। जीओ और जीने दो से अधिक भगवान महावीर ने अहिंसा परमोधर्म संदेश दिया था। आवश्यकताओं को जितना सीमित करेंगे उतना ही पर्यावरण सुरक्षित हो सकेगा।

प्रारंभ में विषय प्रवर्तन करते हुए डा.सी.पी. राय ने कहा कि जिस संस्कृति में गाय को पूजा जाता है, प्रकृति की उपासना की जाती है, वहां बुजुर्गों की उपेक्षा करना शर्मनाक है। लोग होटलों में जाते हैं, वहां देखते हैं कि कुत्तों के ठहराने की क्या व्यवस्था है, लेकिन घरों पर बुजुर्गों की इतनी चिंता नहीं करते। पर्यावरण की विस्तृत चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में हिंसा रुकेगी तो पर्यावरण भी शुद्ध होगा।

नेपाल से आए सिविल सोसायटी के प्रमुख डा.सुंदरमणि दीक्षित ने कहा कि डा.मणिभद्र महाराज और उन जैसे संतों की वजह से विश्व बचा हुआ है। ये स्वयं पैदल चलते हैं। यह भी पर्यावरण का संदेश है। यही लोग पृथ्वी को बचा रहे हैं। हिंसा धरती पर बढ़ती जा रही है। हमें वापस अहिंसा पर लौटना होगा।

नेपाल के बागमती नदी सफाई महाअभियान के प्रमुख डा.राजू अधिकारी ने कहा कि मनुष्य को प्रकृति और संस्कृति के बीच जीवन जीना होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो पर्यावरण का संकट बढ़ता जाएगा। एक संत से किसी ने पूछा, सतयुग कब आयेगा, उन्होंने जवाब दिया, जब गंगा, यमुना, सतलज अपने मूल स्वरूप में लौट आएगी, तब आएगा।

इस अवसर पर मंच पर राज्य सभा सदस्य हरद्वार दुबे, पूर्व मेयर इंद्रजीत आर्य, एस.सी.एस.टी.आयोग उत्तरप्रदेश के अध्यक्ष डॉक्टर रामबाबू हरित,रंजीत सुराना, अशोक सुराना , अंतर्राष्ट्रीय मानव मिलन की अध्यक्षा कुसुम जैन, आदि भी मौजूद रहे।

संचालन करते हुए वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब आगरा के चेयर पर्सन विवेक कुमार जैन ने बताया कि मानव नागरिक केसरी क्लब द्वारा शहर में बुजुर्गों के सम्मान, सहायता के आयोजन किए जाएंगे। ताकि युवा पीढ़ी में वरिष्ठ जनों के प्रति श्रद्धा के भाव आएं। इससे पूर्व अतिथियों को रुद्राक्ष माला, पटका एवम स्मारिका देकर सम्मानित करने वालों में राजेश चपलावत, प्रेम चंद जैन, राजीव चपलावत, सौरभ जैन, अमित जैन, आदेश बुरड़, सचिन जैन, अर्पित जैन, वैभव जैन, अतिन जैन, अनिल जैन, अशोक जैन गुल्लू, वैभव सोनी, सुमित्रा सुराना, सुलेखा सुराना, पद्मा सुराना, मंगेश सोनी,अंजली जैन शामिल थे।

इस कार्यक्रम के दौरान जैन मुनि डॉक्टर मणिभद्र को राष्ट्र संत की उपाधि से विभूषित किए जाने उनको सकल श्वेतांबर जैन समाज एवम केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल द्वारा राष्ट्र संत की चादर पहनाई गई । इस कार्यक्रम का आयोजन कलाकृति कल्चर एवम कन्वेंशन सेंटर के अशोक जैन सुराना, ऊषा सुराना एवम अनुराग सुराना के सौजन्य से किया गया।

-up18news