तुर्किये में अहम संसदीय एवं राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रविवार को मतदान शुरू हो गया। इस चुनाव में कड़ा मुकाबला होने की संभावना है और यह तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के लिए उनके दो दशक के कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है। इस मतदान से एर्दोआन या तो अगले पांच साल के लिए पद पर बने रह सकते हैं या नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) का यह देश उस पथ पर अग्रसर होगा जिसे प्रमुख विपक्षी दल अधिक लोकतांत्रिक मार्ग बताते हैं।
यह पहली बार होगा जब एर्दोआन (69) के 20 साल के कार्यकाल में जनमत सर्वेक्षणों में संकेत मिला है कि वह अपने प्रतिद्वंद्वियों से पिछड़ रहे हैं। जनमत सर्वेक्षणों में मध्यमार्गी-वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष समर्थक रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के नेता और संयुक्त विपक्षी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार 74 वर्षीय केमल किलिकडारोग्लू को हल्की बढ़त मिल सकती है। अगर किसी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक मत नहीं मिलता है तो पहले दौर के शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच 28 मई को निर्णायक मुकाबला होगा। इस चुनाव में विदेशों में बसे 34 लाख लोगों समेत 6.4 करोड़ से अधिक मतदाता मतदान करने के योग्य होंगे।
मतदाता एक नई संसद का भी चुनाव करेंगे। इसमें एर्दोगन की रूढ़िवादी इस्लामवादी एके पार्टी (एकेपी) और राष्ट्रवादी एमएचपी और अन्य लोगों के गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही है। मतदान सुबह 8 बजे (0500 GMT) शुरू हुआ और शाम 5 बजे बंद हो जाएगा।। तुर्की कानून के तहत किसी भी परिणाम की रिपोर्टिंग रात 9 बजे तक प्रतिबंधित है। रविवार देर रात तक इस बात का अच्छा संकेत मिल सकता है कि राष्ट्रपति पद के लिए रनऑफ वोट होगा या नहीं।
Compiled: up18 News
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