यूपी: फिरोजाबाद में 42 साल बाद आया 10 दलितों के सामूहिक हत्याकांड पर आया फ़ैसला, इकलौते 90 वर्षीय दोषी को उम्रकैद, नौ आरोपियों की हो चुकी मौत

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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद ज़िले में जिला न्यायाधीश हरवीर सिंह ने 42 वर्ष पूर्व हुई दस दलितों की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 55 हजार का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर 13 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। इस हत्याकांड के नौ आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है।

मामला थाना शिकोहाबाद (वर्तमान में मक्खनपुर) के गांव साढ़ूपुर का वर्ष 1981 का है। उस समय घटनास्थल जिला मैनपुरी का हिस्सा था। क्योंकि फिरोजाबाद जिले की स्थापना पांच फरवरी 1989 को हुई थी। घटनाक्रम दिसंबर 1981 का था। शिकोहाबाद रेलवे स्टेशन पर चीफ कुर्क डीसी गौतम ने थाना शिकोहाबाद पुलिस को बताया कि साढ़ुपुर में दस हरिजनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। यह सूचना उस समय के साढ़ूपुर पंचायत के प्रधान मुनीशचंद्र ने रेलवे स्टेशन मक्खनपुर पर दी है। टेलीफोन सूचना के आधारपर 30 दिसंबर 1981 को थाना शिकोहाबाद में रिपोर्ट दर्ज कर ली थी।

इसमें मृतक हरीशंकर, बैकुण्ठी देवी, कैलाश,प्रेम सिंह सहित अन्य शामिल है। जबकि मौके पर प्रेमवती, सोमवती घायलावस्था में मिली थीं। दस दलितों की हत्या होने के बाद यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था। यहां प्रदेश व देश के तमाम नेताओं का गांव साढ़ूपुर के दौरा किया था। थाना पुलिस ने मामले की विवेचना करने के साथ आरोपपत्र मैनपुरी जिले के न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दाखिल आरोपपत्र को संज्ञान लिया गया। मामला फिरोजाबाद जिले का होने के कारण फिरोजाबाद न्यायालय को सुपुर्द किया गया। दौरान ए मुकदमा नौ आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है। एक आरोपी गंगा दयाल (90) निवासी गढ़ी दानसहायक शिकोहाबाद जीवित होने के साथ न्यायालय में उपस्थित हुए।

शासन की ओर से पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव उपाध्याय प्रियदर्शी ने करते हुए दोषी गंगा सहायक को सख्त सजा दिए जाने की पैरवी की। जनपद न्यायाधीश हरवीर सिंह ने भीवत्स घटना को ध्यान में रखते हुए दोषी गंगा दयाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 55 हजार का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर 13 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

एक अक्टूबर 2021 को यह मामला मैनपुरी से फिरोजाबाद जिले में स्थानांतरित किया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव उपाध्याय प्रियदर्शी ने बताया कि दस दलितों की हत्या में दस आरोपियो में से नौ की मौत हो गई है। एक जीवित बचे गंगा दयाल (90) न्यायालय में लाठी के सहारे हाजिर होने पहुंचे थे। उनको न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Compiled: up18 News