आगरा: एक प्राइमरी टीचर ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसके चलते हर कोई हैरान है। फिरोजाबाद से लेकर लखनऊ तक इस प्राइमरी टीचर के किस्से की गूंज हो रही है। इस प्राइमरी टीचर ने बच्चों के खाने पर ही डाका डाल दिया है। बच्चों के खाने की 11 करोड़ 46 लाख रुपये डकार गया और किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई। मामला खुला तो सभी अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई। आनन-फानन में कार्रवाई का सिलसिला भी शुरू हो गया। यह पूरा मामला यूपी में बेसिक शिक्षा विभाग की मिड-डे मील योजना से जुड़ा हुआ है। इस योजना में प्राइमरी टीचर ने बड़ा घोटाला किया जिसकी जांच विजिलेंस कर रही है। विजिलेंस ने अपनी कार्यवाही में टीचर के पास अकूत संपत्ति पाई है। विजिलेंस ने टीचर और घोटाले में शामिल शिक्षा सहित कई विभागों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
फर्जी दस्तावेज से चिटफंड में कराया पंजीकरण
यह पूरा मामला फिरोजाबाद जिले के टूंडला जाजपुर प्राइमरी स्कूल का है। इस विद्यालय में तैनात प्राइमरी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा मिड-डे मील घोटाले का मास्टर माइंड है। विजिलेंस की जांच में खुलासा हुआ कि साल 2007 में प्राइमरी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा ने सारस्वत आवासीय शिक्षा सेवा समिति नाम से एक संस्था का पंजीकरण चिटफंड कार्यालय में फर्जी दस्तावेजों से कराया। साल 2008 में प्राइमरी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत करके फिरोजाबाद जिले में करीब 100 सरकारी विद्यालयों के मिड डे मील का काम ले लिया। 2008 से 2014 तक उसने अपनी सोसाइटी से मिड डे मील का काम किया।
2015 में हुई थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक मिड डे मील का मुख्य आरोपी चंद्रकांत के खिलाफ 2015 में शिकायत की गई थी। शिकायतकर्ता ने कहा था कि उसने फर्जी दस्तावेजों की मदद से संस्था बनाकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है जिसमें उसके सगे सम्बन्धी भी शामिल रहे। इस मामले में तथ्य सामने आने के बाद पूरा मामला विजिलेंस पर पहुंचा और जांच शुरू हुई जिसके बाद अब परते खुलती चली जा रही है।
जांच में यह आया सामने
विजिलेंस की जांच में सामने आया कि, साल 2008 से मई 2014 तक फिरोजाबाद जिले में इस संस्था को मिड डे मील का काम मिला। जिसके एवज में संस्था को 11,46,48,500 रुपये का भुगतान पंजाब नेशनल बैंक के खाते में किया गया। इसके बाद चंद्रकांत शर्मा ने बैंक के अधिकारियों से मिली भगत करके यह रकम संस्था के खाते से आगरा की कई बैंकों में सुशील शर्मा के नाम से खोले गए फर्जी खातों में ट्रांसफर कराई।
अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा
मिड डे मील घोटाले की कड़ी सिर्फ प्राइमरी टीचर तक नहीं अटकी है बल्कि आधा दर्जन से अधिक विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस पूरे घोटाले में शामिल हैं। विजिलेंस की टीम सभी को खंगाल रही है। विजिलेंस के द्वारा की गई एफआईआर के मुताबिक, बेसिक शिक्षा विभाग में हुए मिड-डे मील घोटाले में आरोपी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा के साथ ही 7 विभाग के अधिकारी शामिल हैं। इसमें शिक्षा विभाग, मिड-डे मील समन्वयक, डाक विभाग, आवास विकास परिषद, नगर निगम फिरोजाबाद, उप निबंधन चिट फंड, टॉरेंट पावर के साथ ही पीएनबी बैंक शिकोहाबाद, एक्सिस बैंक आगरा, सिंडीकेट बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और कॉरपोरेशन बैंक के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
वहीँ आरोपी चंद्रकांत शर्मा का कहना कि उनके ऊपर लगे सभी आरोप निराधार हैं और झूठे हैं। उन्हें पहले भी आय से अधिक संपत्ति व स्कूल बनाने के नाम पर 36 लाख के घोटाले का आरोप लगाकर फंसाया जा चुका है जिसकी जांच पर कोर्ट द्वारा उन्हें क्लीन चिट दी गई। अब एक बार फिर उन्हें मिड डे मील में करोड़ों के घोटाले के नाम पर फसाया जा रहा है। वह चाहते हैं कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो ताकि सब कुछ स्पष्ट हो सके।
टूंडला के जाजपुर प्राइमरी स्कूल में शिक्षक के पद पर तैनात मिड डे मील के आरोपी चंद्रकांत आज भी बच्चों को पढ़ाते हुए नजर आते हैं। यही नहीं मिड डे मील की जिम्मेदारी आज भी उनके कंधों पर थी। वह बच्चों को खाना खिलाते नजर आ रहे थे। इस बारे में जब हमने स्थानीय लोगों से बातचीत की तो उनका भी कहना था कि पहले क्या हुआ हम नहीं जानते लेकिन फिलहाल कई सालों से क्षेत्र में जाजपुर प्राइमरी स्कूल और शिक्षक चन्द्रकान्त लोगों की पसंद बने हुए हैं।
फिरोजाबाद की बीएसए का कहना है कि मिड डे मील का मामला उनके संज्ञान में आया है। आरोपी टीचर को निलंबित कर दिया है। जैसे ही विजिलेंस की कार्रवाई की रिपोर्ट उन्हें मिल जाएगी वह इस संबंध में और भी उचित कार्रवाई करेंगे।
फिलहाल विजिलेंस की टीम इस मामले पर अपनी कार्रवाई करने में जुटी हुई है तो वहीं आरोपी को भी विश्वास है कि सच्चाई सभी के सामने आएगी लेकिन मिड डे मील में 11 करोड़ 46 लाख का घोटाला सरकार में सामने आने पर विपक्ष भी अब हमलावर है।
-एजेंसी