यूपीपीएससी ने मानी छात्रों की मांग, ‘वन शिफ्ट वन डे’ में होगी PCS और RO/ARO परीक्षा

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लखनऊ। यूपी पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग छात्रों के आंदोलन के आगे झुक गया है। आयोग ने छात्रों की वन डे वन शिफ्ट की मांग मान ली है। इसके लिए छात्र चार दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। गुरुवार को बवाल काफी बढ़ने के बाद आयोग को यह फैसला करना पड़ा है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव ने गुरुवार को घोषणा कर दी है। वन शिफ्ट वन डे एग्जाम की मांग मान ली गई है।परीक्षा की तिथियां नए सिरे से निर्धारित हो सकती है। गेट नंबर 2 पर जल्द ही छात्रों को संबोधित किया जाएगा।

क्या लिया गया फैसला?

सीएमओ ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यूपी पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में छात्रों की मांग का संज्ञान लिया और आयोग को एक दिन में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 के संबंध में छात्रों से संवाद और समन्वय कर आवश्यक निर्णय लेने को कहा। वहीं, आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी।

आसान भाषा में कहें तो आयोग ने सीएम योगी के निर्देश पर फैसला लिया है कि यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न से होंगी यानी एक ही दिन में यह परीक्षा आयोजित होगी। जबकि RO/ARO परीक्षा पर फैसले के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है।

कब होंगे पेपर?

जानकारी के लिए बता दें कि पीसीएस की परीक्षा के लिए दो चरण होते हैं, पहला प्रीलिम्स और दूसरा मेंस। पहले ये पेपर चार शिफ्ट में 7 और 8 दिसंबर को होने थे पर अब नए आदेश में यह परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में आयोजित होगी। वहीं, RO/ARO परीक्षा में एक ही पेपर होता है, जो पहले 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में होनी थी, जिस पर अब कमेटी बना दी गई है जो जल्द ही अपना रिपोर्ट देगी।

कई दिनों से कर रहे थे छात्र विरोध

बता दें कि अभ्यर्थी दो दिन में कई शिफ्ट में इम्तिहान का विरोध कर रहे थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि अलग-अलग शिफ्ट में अलग-अलग पेपर आएंगे, किसी शिफ्ट में मुश्किल पेपर आ सकता है और किसी में आसान इससे अभ्यर्थियों का नुकसान होगा।

नॉर्मलाइजेशन का भी विरोध

वहीं, छात्र नॉर्मलाइजेशन का भी विरोध कर रहे थे। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस फार्मूले से भी उनका नुकसान होगा। फार्मूले के मुताबिक, जिस शिफ्ट में ज्यादा अभ्यर्थी होंगे उन्हें ज्यादा नंबर मिलेंगे और जिसमें कम अभ्यर्थी होंगे उनको कम नम्बर मिलेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि UPPCS,RO/ARO परीक्षा के विज्ञापन में परीक्षा एक दिन में कराने की बात थी। परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सखेल के नियम खेल शुरू होने के बाद नहीं बदले जा सकते, फिर इन परीक्षा में कैसे बदल दिए गए?

-साभार सहित


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