आगरा: शिल्पग्राम में 41वां हुनर हाट “कचरा प्रबंधन” की मिसाल पेश कर रहा है। यहां कूड़े और कचरे से हर दिन खाद बनाई जा रही है। वो खाद हुनर हाट में आने वाले लोगों को मुफ्त में बांटी जा रही है। इससे हुनर हाट का कूड़ा-कचरा हुनर हाट में ही खत्म किया जा रहा है। लोग इस खाद को अपने साथ ले जा रहे हैं। वो इसे घर के गमलों और बगीचे में इस कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।
“यहां का कूड़ा यहीं पर खत्म”
स्वच्छता अभियान को ध्यान में रखकर हुनर हाट में एक विशेष मशीन लगाई गई है, जो फ़ूड कोर्ट और स्टॉलों एवं प्रांगण से निकलने वाले गीले कूड़े से खाद बना रही है। हुनर हाट “मेरा गांव मेरा देश” और “बावर्चीखाना सेक्शन” में लगे फूड स्टॉल्स से निकलने वाले कूड़े को इस मशीन द्वारा कंपोस्ट के रूप में तैयार किया जा रहा है। यह कंपोस्ट हुनर हाट में आने वाले दर्शकों को मुफ्त वितरित की जा रही है। इस मशीन की क्षमता 500 किलोग्राम प्रति दिन कूड़े का निपटारा करने की है। मशीन लगाने का उद्देश्य है “यहां का कूड़ा यहीं पर खत्म” किया जाए ताकि कूड़े को डंप में भेजने से बचा जा सके।
स्टॉलों पर दिए जा रहे थैले
यही नहीं, स्टॉलों पर सामान खरीदने वालों को जो थैले दिए जा रहे हैं, वे भी ऐसे मैटेरियल के हैं, जो री-साइकिल की जा सकती है। यानी सिंगल यूज प्लास्टिक नहीं रखी गई है। इसी प्रकार “मेरा गांव, मेरा देश” एवं बावर्चीखाना सेक्शन में जो खाने-पीने का सामान दिया जा रहा है, वह भी एरिक पाम (Areca palm) के पत्ते से बना हुआ है।
सामाजिक जिम्मेदारी का करा रहे एहसास
साथ ही खाने का सामान का एरिका पत्तों की प्लेट-कटोरों में परोसना बहुत ही हाईजैनिक एहसास करा रहा है। हुनर हाट में आए दर्शकों को ये खाद बनाने और फिर इस खाद का मुफ़्त वितरण खूब पसंद आ रहा है। इस तरह की पहल से न सिर्फ साफ-सफाई और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी समाज में जाता है बल्कि लोगों को सामाजिक ज़िम्मेदारी का एहसास भी कराती है।
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