आगरा। सोशल मीडिया पर दोस्ती करना मधुनगर निवासी सुनील सिंह यादव को भारी पड़ गया। फेसबुक पर हुई एक अनजान दोस्ती व्हाट्सऐप और टेलीग्राम तक पहुंची और ऑनलाइन ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का झांसा देकर उन्हें 10 लाख रुपये की साइबर ठगी का शिकार बना लिया गया। पीड़ित की शिकायत के बाद साइबर क्राइम थाना आगरा ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
फेसबुक दोस्ती से शुरू हुई ठगी की कहानी
पीड़ित सुनील सिंह ने बताया कि 11 जून 2025 को फेसबुक पर इशिका सेन उर्फ संगनिका बनर्जी नाम की युवती से उनकी दोस्ती हुई। शुरुआती सामान्य बातचीत के बाद युवती ने अपना व्हाट्सऐप नंबर दे दिया। इसके बाद वह लगातार उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए प्रेरित करने लगी।
कुछ दिनों बाद युवती ने सुनील को एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया, जहां उनकी मुलाकात सजीव भटनागर नाम के व्यक्ति से कराई गई। उसने खुद को ट्रेडिंग विशेषज्ञ बताते हुए बड़े मुनाफे का भरोसा दिलाया।
फर्जी स्क्रीनशॉट और नकली प्रॉफिट रिपोर्ट से बना भरोसा
आरोप है कि सजीव भटनागर ने सुनील का विश्वास जीतने के लिए फर्जी ट्रेडिंग स्क्रीनशॉट, नकली प्रॉफिट रिपोर्ट, उच्च रिटर्न के झूठे दावे, भेजे। इन झांसों में आकर सुनील ने धीरे-धीरे 10 लाख रुपये विभिन्न डिजिटल माध्यमों से ट्रांसफर कर दिए।
न निवेश का लाभ मिला, न पैसा लौटा
जब सुनील ने मुनाफा निकालने या अपनी मूल राशि वापस लेने की कोशिश की, तो उन्हें टालमटोल जवाब दिए गए। धीरे-धीरे सभी नंबर बंद हो गए। तभी उन्हें समझ आया कि वे साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं।
साइबर क्राइम थाना जांच में जुटा
पीड़ित ने तत्काल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज की और थाना साइबर क्राइम आगरा में तहरीर दी। पुलिस को फेसबुक प्रोफाइल, व्हाट्सऐप नंबर, टेलीग्राम चैट, डिजिटल भुगतान रिकॉर्ड जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य सौंपे हैं।
साइबर क्राइम थाना प्रभारी का कहना है कि तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपियों के लोकेशन और पहचान की जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया पर अनजान परिचय और ऑनलाइन निवेश संबंधी प्रस्तावों से सतर्क रहने की अपील की है।

