राज्‍यों में दो-दो हाथ, केंद्र में साथ: संदीप दीक्षित के बाद केजरीवाल पर भड़के पवन खेड़ा, दे डाली सीधी चुनौती

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दोनों पार्टियों के बीच केंद्र में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई तो लेकर सहमति दिखती है। जैसे ही बात राज्‍य स्‍तर पर आती है, दोनों के बीच की तल्खी साफ जाहिर होने लगती है।

AAP और कांग्रेस के बीच क्‍या चल रहा है?

बुधवार को दिल्‍ली कांग्रेस के नेता पार्टी आलाकमान से मिले थे। बैठक के बाद अलका लांबा ने AAP के साथ अलायंस के सवाल पर कहा कि ‘गठबंधन करना है या नहीं, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है लेकिन हमें सातों सीटों पर तैयारी करने को कहा गया है। हम सातों सीटों पर खुद को ठीक से तैयार करके मजबूती से जनता के बीच जाएंगे।’

AAP ने कहा कि अगर कांग्रेस दिल्‍ली में अकेले लड़ना चाहती है तो फिर मुंबई में होने वाली I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक में जाने का कोई मतलब नहीं है। गठबंधन के लिए कांग्रेस हमारे पास आई थी क्योंकि दिल्ली में कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं है।

कांग्रेस ने लांबा के बयान से किनारा कर लिया। कहा कि लांबा के बयान का AAP के साथ गठबंधन के फैसले से कोई लेना-देना नहीं।

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि जब I.N.D.I.A. के सभी घटक दल एक साथ बैठकर सीटों के बंटवारे पर चर्चा करेंगे, तब पता चलेगा कि किसे कितनी सीटें मिल रही हैं। तब तक ऐसी बातें होती रहेंगी।

शनिवार को AAP के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंचे। सरकारी स्कूलों की स्थिति को बेहद खराब बताते हुए केजरीवाल ने कांग्रेस को खूब कोसा।

कांग्रेस ने पलटवार किया। पवन खेड़ा ने कहा, ‘रायपुर क्यों जाना? हमारी छत्तीसगढ़ सरकार के प्रदर्शन की तुलना पिछली रमन सिंह की सरकार से कर लीजिए। अपनी पसंद से कोई भी क्षेत्र चुन लीजिए और दिल्ली में पिछली कांग्रेस की सरकार से अपनी सरकार की तुलना कर लीजिए।’ खेड़ा ने कहा कि रायपुर के लिए उड़ान भरने से पहले दिल्ली की जमीनी स्थिति के बारे में बात करनी चाहिए जहां पूरा शहर रसातल में जा रहा है।​

राज्‍यों में दो-दो हाथ, केंद्र में साथ

AAP और कांग्रेस, दोनों ही बीजेपी के खिलाफ बने विपक्ष के साझा I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्‍सा हैं। पहले पटना और फिर बेंगलुरु में 20 से ज्‍यादा दलों के नेता मिल चुके हैं। I.N.D.I.A की अगली मीटिंग मुंबई में होनी है। उससे पहले, AAP और कांग्रेस के बीच राज्‍यों में तकरार का दौर चल रहा है। तल्‍खी काफी ज्‍यादा है। मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

AAP का प्‍लान एमपी, छत्‍तीसगढ़ और राजस्‍थान में पूरी ताकत से लड़ने का है। अभी के सूरत-ए-हाल में तीनों राज्‍यों में उसका मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस, दोनों से होगा। केंद्रीय स्‍तर पर दोनों दल साथ हैं, अगर राज्‍यों में भी हाथ मिलाते हैं तो ताकत बढ़ सकती है। अलग-अलग लड़ने पर वोट बिखरने का खतरा है।

Compiled: up18 News