आज भारत को ग्लोबल इकॉनमी का ब्राइट स्पॉट कहा जा रहा है: फाइनेंस मिनिस्टर

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अमेरिका 26.854 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है। चीन 19.374 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे, जापान 4.410 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे नंबर और जर्मनी 4.309 ट्रिलियन के साथ चौथे नंबर पर है। एनएसओ के हाल में जारी प्रॉविजनल एस्टिमेंट्स के मुताबिक 2022-23 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.2 परसेंट रही। हाल में आए आंकड़े इस बात की तस्दीक होती है कि भारत की इकॉनमी जोर पकड़ रही है।

आईएमएफ के मुताबिक इस साल भी भारत की इकॉनमी दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली इकॉनमी होगी। जीएसटी कलेक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई और ऑटो कंपनियों की बिक्री जैसे फैक्टर्स इस बात का संकेत है कि भारत की इकॉनमी तेजी से बढ़ रही है।

मंदी की आशंका नहीं

World of Statistics के मुताबिक भारत में मंदी की कोई आशंका नहीं है। दुनिया में मंदी की सबसे ज्यादा 75 फीसदी आशंका यूके में है। हाल में यूके की इकॉनमी में काफी उथलपुथल देखने को मिली है। वहां महंगाई कई दशक के चरम पर पहुंच गई है। इस लिस्ट में न्यूजीलैंड दूसरे नंबर पर है। वहां इस साल मंदी आने की 70 परसेंट आशंका है। अमेरिका 65 फीसदी आशंका के साथ तीसरे नंबर पर है। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है और अगर वह मंदी की चपेट में आती है तो इसके दुनियाभर में भयावह परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी में तो मंदी दस्तक दे चुकी है। वहां लगातार दूसरी तिमाही में जीडीपी में गिरावट आई है। तकनीकी भाषा में इसे मंदी कहा जाता है। इटली और कनाडा में मंदी आने की आशंका 60 फीसदी है। इसी तरह फ्रांस में यह 50 फीसदी, साउथ अफ्रीका में 45 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया में 40 फीसदी, रूस में 37.5 फीसदी, जापान में 35 फीसदी, साउथ कोरिया में 30 फीसदी और मेक्सिको में 27.5 फीसदी मंदी आने की संभावना है। स्पेन के मामले में यह 25 फीसदी, स्विट्जरलैंड में 20 फीसदी और ब्राजील में 15 फीसदी है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी चीन में इस साल मंदी आने की आशंका 12.5 परसेंट, सऊदी अरब में पांच परसेंट और इंडोनेशिया में दो फीसदी है।

Compiled: up18 News