भारत ने अपने भीतर आध्यात्मिकता की समृद्ध धरोहर को सहेज कर रखा है। यह एक पीढ़ी से दूसरी के पास जाती रही है। हजारों-हजार साल बीत जाने के बाद भी अगर यह धरोहर सहेजी जा सकी है तो इसमें आध्यात्मिक गुरुओं का बड़ा योगदान रहा है। इन्होंने देश के आध्यात्मिक क्षेत्र को आकार दिया है। सिर्फ यही नहीं, इन आध्यात्मिक गुरुओं के लाखों-लाख भक्तों ने इन्हें धन बल से भी मजबूत किया है। आइए, यहां 5 सबसे दौलतमंद और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरुओं और बाबाओं के जीवन के बारे में जानते हैं।
जग्गी वासुदेव
सद्गुरु जग्गी वासुदेव आध्यात्मिकता और योग पर अपने व्यावहारिक नजरिये के लिए मशहूर हैं। वह ईशा फाउंडेशन के संस्थापक हैं। जग्गी वासुदेव देश की प्रमुख आध्यात्मिक शख्सियत हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी कुल अनुमानित संपत्ति 2023 तक 18 करोड़ रुपये थी। दुनियाभर में उनके लाखों फॉलोअर हैं। सद्गुरु का प्रभाव उनके तमाम योग केंद्रों, शैक्षणिक संस्थानों और इकोलॉजी से जुड़ी परियोजनाओं तक फैला हुआ है। अपनी शिक्षाओं के जरिये वह इनर इंजीनियरिंग और समग्र जीवन सिद्धांतों पर ज्ञान देते हैं।
बाबा रामदेव
बाबा रामदेव को घर-घर तक योग पहुंचाने का श्रेय जाता है। योग गुरु बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद के जरिये देश की वेलनेस इंडस्ट्री में बड़े बदलाव की अगुआई की है। वह हरियाणा में खेती-किसानी वाले परिवार से आते हैं। उन्होंने 15 साल तक लंबा संघर्ष किया है। रास्ते में चलते-फिरते उन्होंने लोगों को हरिद्वार में योग सिखाया। वर्तमान में वह कई शाखाओं के साथ पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट का नेतृत्व करते हैं। उनकी कुल संपत्ति 1600 करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है।
श्री श्री रविशंकर
श्री श्री रविशंकर आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी आध्यात्मिक ख्याति है। वह शांति, ध्यान और मानवीय प्रयासों के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। 151 देशों में उनके 30 करोड़ से ज्यादा अनुयायी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, श्री श्री रविशंकर ने छह साल की उम्र में वैदिक साहित्य का अध्ययन शुरू कर दिया था। सत्रह साल की उम्र में उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी कर ली थी। उनके आर्ट ऑफ लिविंग पाठ्यक्रमों ने दुनियाभर में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। उन्होंने तनाव मुक्त जीवन को बढ़ावा दिया है। स्वास्थ्य सुविधाओं, फार्मेसी और आर्ट ऑफ लिविंग केंद्रों जैसी संपत्तियों को मिलाकर उनकी कुल संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये आंकी जाती है।
माता अमृतानंदमयी
माता अमृतानंदमयी केरल से हैं। उनका जन्म 27 सितंबर, 1953 को हुआ था। उन्हें हिंदू गुरु और मानवतावादी माना जाता है। माता अमृतानंदमयी को लोग अम्मा के नाम से भी बुलाते हैं। वह अमृतानंदमयी ट्रस्ट की करता-धरता हैं। उनकी अनुमानित संपत्ति 1,500 करोड़ रुपये मानी जाती है।
मोरारी बापू
मोरारी बापू देशभर में घूमकर रामकथा सुनाते हैं। इस कथा वाचन से उन्हें खूब कमाई भी होती है। उनकी सलाना आमदनी करीब 300 करोड़ है।
-एजेंसी
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