बच्चीयों के साथ रेप, छेड़छाड़ की घटनाओं के पीछे विकृत सोच
पोर्न साइटों सामग्रियों का भी हैं बड़ा रोल
सभी तो नहीं मगर कुछ पुरुषों के दिमाग में हमेसा यौन फंतासी फैले रहती है। ऐसे पुरुष हर वक्त अपनी यौनेच्छा को हर स्त्री से पूरा करने के फ़िराक में होते हैं, चाहे वह किसी आयु वर्ग की हो। दरअसल उनकी अतृप्त इच्छायें उनके अंदर ऐसे मनोविकृति पैदा कर देती है कि उन्हें बाकी कुछ सूझता ही नहीं। इसलिए उनका सबसे आसान शिकार होती हैं छोटी मासूम बच्चीयां। जब वह कामान्ध होकर अपने कुकर्म पर उतारू होते हैं। तो वह सब कुछ भूल जाते हैं। वह पुरुष से पिशाच बन जाते हैं। वह मासूमों के दर्द चीख आंसूओं को रौंदते हुए जब हैवानियत से खाली होते हैं। तो सभ्यताओं, मूल्यों, मर्यादाओं की दीवारें चीखते हुये एकसाथ ढह जाती हैं। और उस बच्ची को पुरुष जमात से ही नफरत हो जाती है।
बहुत पुरानी बात नही है जब कठुआ की मात्र 8 साल की बच्ची के साथ निर्दयता पूर्वक रेप की घटना को अंजाम दिया था। इसके पीछे जायेंगे तो पाएंगे कि इसके पीछे पोर्न-साइटों का भी बड़ा रोल होता है। आज के जमाने में हर आदमी के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है। अब यौन क्रीड़ा देखने के इच्छुक लुक छिपकर फुटपाथ पर बिकने वाले अश्लील किताबों और सिनेमाघरों और टीवी डीवीडी के भरोसे नहीं रहते। अब पोर्न कंटेट देखने के लिये गूगल यू-ट्यूब सब पॉकेट में मौजूद हैं। यही कारण है की समाज में यौन कुंठितों की एक बड़ी जमात अदृश्य रूप में हमारे आसपास मौजूद रहती है। पुरुषों की यौन-प्रवृत्तियां अब विकृतियों में बदलती गई हैं। पुरुषों के बड़े वर्ग को अब फिल्मों में बलात्कार के दृश्य असहज नहीं करते।उन दृश्यों को वह एन्जॉय की तरह लेते हैं।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो बच्चीयां हो या असक्त बूढ़ी महिलाएं सबके प्रति विकृत पुरुष नोचने वाली निगाहें गड़ाये रखेगा। और मौका देखते ही वह टूट पड़ेगा।
-up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.