बाजारों में राम मंदिर के मॉडल की जबरदस्त मांग, विहिप ने घर-घर पहुंचाने की बनाई योजना

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नो प्रॉफिट-नो लॉस पर कर रहे काम

दिल्ली के व्यापारी विजय पाल ने बताया कि वो देश के कई हिस्सों से राम मंदिर के मॉडल तैयार करवा रहे हैं। राम जी का काज है, तो ‘नो प्रॉफिट-नो लॉस’ में काम कर रहे हैं। इसमें क्या मुनाफा कमाएंगे? हरियाणा के जींद, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मध्यप्रदेश के सीहोर और छत्तीसगढ़ के रायपुर में कंप्यूटर नूमेरकल कंट्रोल (CNC) मशीनों से मंदिर मॉडल तैयार करवा रहे हैं। ये मशीनें लेजर कटिंग से काम करती हैं। इसमें महीन काम खूबसूरत होता है। मंदिरों की असेंबलिंग दिल्ली में करवा रहे हैं।

विजय पाल ने बताया कि बड़े लेवल पर प्रोडक्शन हो रहा है, जो मशीनों से ही संभव है। सबसे छोटे मॉडल की ऊंचाई और लंबाई 4 इंच है। मार्केट में 6 से 12 इंच की प्रतिकृति की भी मांग है। ये घर में रखने के लिए पर्याप्त है। इससे बड़ा मॉडल रखेंगे तो प्राण प्रतिष्ठा कर रोजाना पूजा करनी होगी। यदि कोई बड़ा मॉडल बनवाना चाहता है तो ऑर्डर पर तैयार करवाते हैं। अब तक 10 हजार पीस के ऑर्डर आ चुके हैं। करीब हजार पीस डिलिवर कर दिए हैं। इन मॉडल की कीमत 125 से 700 रुपये तक है।

बाजारों में बढ़ गई मांग

देशभर के बाजारों में मार्केट असोसिएशंस के बीच राम मंदिर के मॉडल को लेकर अच्छा रेस्पॉन्स देखने को मिल रहा है। विजय पाल ने बताया कि दिल्ली के व्यापारिक संगठनों ने तो बड़े स्तर पर राम मंदिर मॉडल के ऑर्डर दिए हैं। ये अपने सदस्यों के साथ परिचितों, फैमिली मेंबर्स, रिश्तेदारों और ग्राहकों को भी राम मंदिर का मॉडल भेंट करना चाहते हैं। मंदिर मॉडल के साथ कीचेन, बैच, वॉल हैंगिंग, डोर हैंगिंग, पैन, डायरी जैसा सामान भी बिक रहा है। इस पर राम मंदिर की फोटो है। इन प्रोडक्ट्स की मांग सामान्य दिनों की तुलना में 4 गुना बढ़ गई है।

न्यू ईयर के बाद सदर में जोर पकड़ेगा काम

थोक व्यापारी पुष्पेंद्र सिंह मंगा ने बताया कि सदर बाजार में भी व्यापारी तैयार हैं। राम मंदिर के मॉडल के साथ भगवा झंडे की डिमांड भी खूब आ रही है। इस झंडे में श्रीराम की छवि बनी है। अब तो बर्थ डे, रिटायरमेंट, शादी की सालगिरह, न्यू ईयर में उपहार के तौर पर लोग राम मंदिर का मॉडल दे रहे हैं। मेरे पिता सतपाल सिंह मंगा को जन्मदिन अक्टूबर में था। दो लोगों ने राम मंदिर की प्रतिकृति उपहार में दी। ये देखने में काफी आकर्षक होता है। हर कोई बड़े आदरभाव से ग्रहण करता है। घर में पूजा के स्थान में रखता है। मार्केट में कई तरह के मॉडल हैं। इनमें अंदर लाइट्स भी जलती है। अभी क्रिसमस से निपटे हैं। न्यू ईयर के फौरन बाद से सदर में काम उठ जाएगा। यहां भी 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुए बाजार को सजाया जाएगा।

MDF के मंदिर पहली पसंद

विजय पाल ने बताया कि व्यापारियों और निर्माताओं की पहली पसंद मीडियम डेंसटी फाइबरबोर्ड (MDF) के मंदिर हैं। MDF के जरिए आसानी से मॉडल तैयार हो जाता है। इसमें वक्त भी कम लगता है। जबकि लकड़ी के मंदिर में समय लगता है। इसका खर्चा भी अधिक होता है। इसमें उतनी फाइन क्वालिटी भी नहीं होती है।

-एजेंसी


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