फिर होने जा रही है दोपहिया और चार पहिया वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी

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आने वाले दिनों में छोटी कारें, एसयूवी, सेडान कार से लेकर स्कूटी और मोटरसाइकिल सब महंगे हो रहे हैं। महंगे होने की वजह इन्हें बनाने वाली चीजों का महंगा होना है। मोटर वाहन बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि इनपुट कॉस्ट इतना बढ़ रहा है कि उसे संभालना मुश्किल है। इसलिए मोटर वाहनों की कीमत बढ़ाना उनकी मजबूरी है।

मारुति ने कल ही की है घोषणा

देश में कार बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी ने बुधवार को ही कहा कि वह फिर से कार की कीमतें बढ़ाने जा रही है। कार की कीमतें इसी महीने से बढ़ जाएगी। कंपनी का कहना है कि तेजी से बढ़ते इनपुट कॉस्ट कीमत बढ़ने की मुख्य वजह है। यदि ऐसा हुआ तो पिछले 16 महीने में पांचवीं बार मारुति कार की कीमतें बढ़ेंगी।

तेजी से बढ़ रहे हैं दाम

मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मार्केटिंग एंड सेल्स शशांक श्रीवास्तव का कहना है कि पिछले 18 से 24 महीने में तेजी से इनपुट कॉस्ट बढ़े हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में स्टील, कॉपर, प्लास्टिक, अल्मुनियम, पैलेडियम जैसे रेयर मेटल आदि की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। इनका उपयोग कार बनाने में खूब होता है। जब इनपुट कॉस्ट बढ़ रहा है तो उनकी मजबूरी है कि कीमतों को ग्राहकों को ट्रांसफर करें। उल्लेखनीय है कि किसी भी मोटर वाहन को बनाने में 75 से 78 फीसदी लागत मटेरियल की होती है।

कीमतें बढ़ने के 3 मुख्य कारण

मोटर वाहन बनाने वाली कंपनियों के अधिकारी फाइनल प्रोडक्ट की कीमत बढ़ने के तीन कारण बताते हैं।

1. स्टील महंगी: गाड़ियों की कीमत बढ़ने को लेकर कंपनी का कहना है कि कच्चे माल की लागत बढ़ने से गाड़ी तैयार होने का खर्च भी बढ़ रहा है। खासकर स्टील की कीमत लगातार बढ़ रही हैं। पिछले एक साल में स्टील की कीमत 50 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ चुकी है।

2. सेमीकंडक्टर की कमी: दुनिया भर में सेमीकंडक्टर की सप्लाई और डिमांड में बढ़ा अंतर आया है। कई कंपनियों को खराब मौसम और महामारी की मार के चलते अपने प्लांट बंद करने पड़े हैं। रूस और युक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच स्थिति और बिगड़ी है। ऐसे में कार कंपनियों को ज्यादा रुपए देकर इन्हें खरीदना पड़ रहा है।

3. ट्रांसपोर्टेशन महंगा: इन सभी के साथ बाहर से आने वाली गाड़ियों पर टैक्स ज्यादा लग रहा है। वहीं, पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो गया है। इन सभी चीजों का असर फाइन प्रोडक्ट की कीमत पर पड़ रहा है।

-एजेंसियां