किसी भी वाहन के लिए जितना जरूरी अन्य हिस्से होते हैं, उतने ही जरूरी टायर होते हैं। वाहन को सही तरह से चलाने के लिए सही टायर की जरूरत होती है। अगर आप भी अपनी कार, बाइक, स्कूटर या अन्य किसी वाहन के लिए नए टायर लेने जा रहे हैं तो हम आपको इस खबर में यह बता रहे हैं कि टायर में छपे नंबरों के जरिए आप किस तरह अपने वाहन के लिए सही टायर खरीद सकते हैं।
हर टायर पर होते हैं नंबर
देश ही नहीं दुनियाभर में चलने वाले वाहनों पर कुछ खास नंबर छपे होते हैं। इन नंबरों के जरिए आप टायर की पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं। टायर बदलने के समय भी यह जानकारी काफी काम आती है। इसमें टायर के साइज, टाइप और परफॉर्मेंस की पूरी जानकारी होती है। इसमें छपे नंबर का अलग मतलब होता है।
पहले तीन नंबर से मिलेगी यह जानकारी
टायर की साइड वॉल पर जो नंबर मिलते हैं, उनसे आप टायर की पूरी जानकारी ले सकते हैं। पहले तीन नंबर्स के जरिए आप टायर की चौड़ाई की जानकारी हासिल कर सकते हैं। यह जानकारी अलग-अलग टायर पर अलग-अलग होती है।
अगले दो नंबर भी हैं खास
पहले तीन नंबर के बाद टायर पर दो और नंबर छपे होते हैं। जहां पहले तीन नंबर टायर की चौड़ाई की जानकारी देते हैं वहीं उसके बाद के दो नंबर के जरिए प्रोफाइल की जानकारी मिलती है। मान लें कि अगर टायर के पहले तीन नंबर 205/50 है तो इसका मतलब साइडवॉल की चौड़ाई 205 एमएम है जिसका 50 प्रतिशत यानि 102.5 एमएम प्रोफाइल है।
अब मिलेगी बनने की जानकारी
शुरू के पांच नंबर के बाद अंग्रेजी का एक शब्द आर होता है जिसके साथ दो अंकों का नंबर होता है। उदाहरण के लिए यहां पर R 14 या R17 लिखा होता है। इनमें आर का मतलब रेडियल से होता है जो आजकल के वाहनों में सामान्य होता है। इससे टायर के बनने की जानकारी मिलती है। इसके बाद के दो अंक से रिम के साइज की जानकारी मिलती है। अगर आर के साथ 14 लिखा है तो उस वाहन में रिम 14 इंच का है जबकि 17 या 16 लिखे होने पर रिम का साइज 17 या 16 इंच होगा।
कितना वजन उठाया जा सकता है
टायर पर इस बात की भी जानकारी मिलती है कि वह कितना वजन उठा सकता है। यह जानकारी आखिर के दो अंकों से मिलती है। अगर टायर पर 91 लिखा है तो वह सही हवा का प्रैशर होने पर 615 किलोग्राम तक का वजन उठा सकता है। वहीं अगर टायर पर 89 लिखा है तो वह 580 किलोग्राम का वजन उठा सकता है।
Compiled: up18 News
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