आगरा जनपद के ब्लाक पिनाहट क्षेत्र के चंबल के बीहड़ में बसे कई गांव का रास्ता आजादी के बाद से कच्चे पड़े हुए हैं। जिसके चलते कच्चे रास्तों पर बरसात के दिनों में कीचड़ भरे रास्तों से गुजरने को ग्रामीण मजबूर हैं। रास्ता नहीं होने के कारण अब ग्रामीण पलायन को भी मजबूर हो रहे हैं।
आपको बता दें चंबल नदी के पट्टी के बीहड़ में बसे कई गांव के कच्चे रास्ते देश की आजादी के बाद से आज तक पक्के नहीं बने। बदलता भारत देश विश्व गुरु बन रहा है। नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। राज्य राजमार्गों सहित राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जा रहे हैं। मगर पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र के चंबल पट्टी के बीहडी गांव के कई गांव के रास्ते आज तक कच्चे पड़े हुए हैं। जिनके कीचड़ भरे रास्तों से ग्रामीण गुजरने को मजबूर हैं।
राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी होने के कारण वन विभाग की बिना अनुमति के कोई भी कार्य नहीं कर सकता। गांव के पक्के बनने वाले रास्तों में वन विभाग एक बड़ा रोड़ा बना हुआ है। जिसके चलते वन्य सेंचुरी में कोई सड़क मार्ग का निर्माण नहीं हो सकता। जिसके लिए विशेष अनुमति लेनी होती है। वन विभाग के रोडें के कारण लोक निर्माण विभाग द्वारा सेंचुरी क्षेत्र में मार्ग को पक्का नहीं बनाएगा। कई बार ग्रामीणों ने पक्के रास्ते बनाने के लिए मांग की मगर कोई फायदा नहीं हुआ।
ग्रामीणों की माने तो जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से भी इस मामले को लेकर शिकायत की गई मगर स्थिति जस की तस रही अब धीरे-धीरे इन गांव के लोग पलायन को मजबूर है। ऐसा ही मामला पिनाहट क्षेत्र के बीच का पुरा उपरी पुरा में देखने को मिला जहां स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए गांव में वाहन तो पहुंचे मगर अचानक बारिश हो गई जिस पर गांव से निकलने वाले वाहन रास्ते के कीचड़ में फंस गए। जिन्हें निकालने के लिए स्कूली बच्चों फावड़ा चलाकर एवं रास्ते को साफ करने और वाहनों को धक्का मारकर निकालने में खांसी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
गांव के ग्रामीण भूरी, लाखन, विजेंद्र, रणबीर, राघवेंद्र, सर्वेश, प्रवेश, पप्पू आदि के मुताबिक गांव में पक्का रास्ता बनने की कई बार मांग की गई मगर आज तक गांव पक्का का रास्ता नहीं बन सका है। जिसके कारण बरसात के दिनों में स्थिति बहुत ही ज्यादा दयनीय और खराब हो जाती है। जनप्रतिनिधियों के चुनावी वादों के बाद ग्रामीणों को अभी भी आस है। कि रास्ता पक्का बनकर तैयार होगा मगर कब होगा यह उन्हें भी पता नहीं है।