पुस्तक “मैं आगरा हूं” का विमोचन, शहर के ऐतिहासिक-सांस्कृतिक व पौराणिक विषयों पर दी गई है तथ्यात्मक जानकारी

Press Release

आगरा: साहित्य, कला व संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण से ही हम दृढ़ता से आगे बढ़ सकते हैं और इसके लिए इन क्षेत्रों में संलग्न वरिष्ठ जनों का वरद हस्त रहने पर सारा परिवेश पुष्पित और पल्लवित भी हो जाता है । ये विचार आगरा विकास प्राधिकरण के निवर्तमान उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र पैंसिया “मैं आगरा हूं” पुस्तक के विमोचन के अवसर पर व्यक्त कर रहे थे ।

होटल होली डे इन में हुआ कार्यक्रम

होटल होली डे इन में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि वरिष्ठ साहित्यकारों व संस्कृति कर्मियों को समाज के लोग पूरा सहयोग दें और उनके अनुभवों का लाभ उठाएं। “मैं आगरा हूं” पुस्तक में आगरा के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व पौराणिक विषयों पर तथ्यात्मक जानकारी दी गई है। यह आगरा के नागरिकों के साथ साथ पर्यटकों के लिए भी लाभप्रद होगी। उन्होने डॉक्यूमेंट्री फिल्म “मैं एडीए हूं” तथा यूट्यूब पर जारी विडियो “आगरा का गीत…” को भी महत्वपूर्ण कृति बताया। पुस्तक के लेखक डॉ. उषा राजेंद्र पैंसिया और आदर्श नंदन गुप्ता हैं, जिसका प्रकाशन ओसवाल बुक्स ने किया है।

सैकड़ों दर्शनीय आध्यात्मिक स्थलों का पता चलेगा

कार्यक्रम के अध्यक्ष भवेंद्र शर्मा ने कहा कि “मैं आगरा हूं” पुस्तक जिस मिशन और विजन को रख कर प्रकाशित की गई है, उसके दूरगामी परिणाम होंगे। इससे पाठकों को आगरा को ताज के अलावा भी सैकड़ों दर्शनीय आध्यात्मिक स्थलों का पता चलेगा। होटल उद्यमी अरुण डंग ने इस पुस्तक को उनके द्वारा 1990 में चलाए “आगरा बियांड द ताज” अभियान की मजबूत कड़ी के रूप में बताया और कहा कि इससे पर्यटन उद्योग को लाभ मिल सकता है।

डॉ. राजेंद्र पैंसिया का किया सम्मान

डॉ. लवकुश मिश्र ने कहा कि आगरा नगर व जनपद के असंख्य देवालयों की पर्यटन की दृष्टि से ब्रांडिंग करने में यह पुस्तक मार्ग दर्शक के रूप में कार्य करेगी। प्रमुख उद्योगपति पूरन डावर ने कहा कि आगरा के साहित्य जगत में एक ऐसी पुस्तक की आवश्यकता थी जिसे डॉ. राजेंद्र पैंसिया के निर्देशन में प्रकाशित किया गया। इस अवसर पर आगरा विकास प्राधिकरण एवं ब्रज डेवलपमेंट काउंसिल द्वारा डॉ. राजेंद्र पैंसिया के स्थानांतरण पर सम्मान भी किया गया।

ये रहे वक्ता

वक्ताओं में मुख्य अभियंता चक्रेश जैन, सहायक अभियंता सतीश राजपूत, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अजय कुमार सिंह, उप निदेशक उद्यान कौशल कुमार नीरज, ओसवाल बुक्स के नरेश जैन, फिल्म प्रोड्यूसर रंजीत सामा, डॉ. ज्योत्सना शर्मा आदि ने विचार रखे। पुस्तक के लेखक आदर्श नंदन गुप्ता अस्वस्थ है, उनके विचार संजय गुप्त ने पढ़ कर सुनाए।

इनकी रही उपस्थिति

इस अवसर पर डॉ. रंजना बंसल, राजीव वासन, मनमोहन निरंकारी, मधुकर चतुर्वेदी, सूरज तिवारी, संजय गुप्त, मयंक अग्रवाल, पंकज खंडेलवाल, अरविन्द शर्मा, राजेश उपाध्याय, अनिल शर्मा, आर.डी. शर्मा, बृजेश शर्मा, अजय शर्मा, शरद गुप्त, डॉ. भानु प्रताप सिंह, डॉ. महेश धाकड़, सत्यभूषण सिंह, प्रभात कुमार, विवेक, सुधांशु शर्मा, बृजेश शुक्ला, धर्मवीर चौहान आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक चौबे ने अतिथियों का स्वागत किया तथा संचालन सुशील सरित ने किया। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. डी वी शर्मा ने किया ।

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