प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन तस्वीरों के चारों ओर चर्चे हो रहे हैं. आंध्रप्रदेश में ‘रम्पा क्रांति’ की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री एक बुजुर्ग महिला के चरणों में नत हैं. यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल है. इस बात की चर्चा तेज है कि ये बुजुर्ग महिला कौन हैं, जिनके चरणों में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नत हुए हैं.
पसाला कृष्ण मूर्ति की बेटी से पीएम मोदी ने लिया आशीर्वाद
यह महिला कोई और नहीं, आंध्रप्रदेश के जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी पसाला कृष्ण मूर्ति की बेटी हैं. पसाला कृष्ण मूर्ति सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी थे. प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी पसाला कृष्ण मूर्ति की बेटी पसाला कृष्ण भारती से भी मिले. 90 साल की पसाला कृष्ण भारती ने उन्हें आशीर्वाद दिया. प्रधानमंत्री उनकी बहन और भतीजी से भी मिले.
भीमावरम में पीएम मोदी ने कार्यक्रम को किया संबोधित
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीमावरम में एक जनसभा को संबोधित किया. यहां उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश वीरों और देशभक्तों की धरती है. यहां पिंगली वेंकैया जैसे स्वाधीनता नायक हुए, जिन्होंने देश का झंडा तैयार किया. ये कन्नेगंटी हनुमंतु, कंदुकूरी वीरेसलिंगम पंतुलु और पोट्टी श्रीरामूलु जैसे नायकों की धरती है.
सीताराम राजू गारू को किया याद
उन्होंने कहा कि सीताराम राजू गारू के जन्म से लेकर उनके बलिदान तक, उनकी जीवन यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणा है. उन्होंने अपना जीवन आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए, उनके सुख-दुःख के लिए और देश की आजादी के लिए अर्पित कर दिया. उन्होंने कहा कि आजादी का संग्राम केवल कुछ वर्षों का, कुछ इलाकों का, या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है. ये इतिहास, भारत के कोने-कोने और कण-कण के त्याग, तप और बलिदानों का इतिहास है.
रम्पा क्रांति के 100 साल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अल्लूरी सीताराम राजू गारू की 125वीं जन्मजयंती और रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ को पूरे वर्ष मनाया जायेगा. पंडरंगी में उनके जन्मस्थान का जीर्णोद्धार, चिंतापल्ली थाने का जीर्णोद्धार, मोगल्लू में अल्लूरी ध्यान मंदिर का निर्माण, ये कार्य हमारी अमृत भावना के प्रतीक हैं.
उन्होंने कहा कि आज एक ओर देश आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू गारू की 125वीं जयंती का अवसर भी है. संयोग से इसी समय देश की आजादी के लिए हुई ‘रम्पा क्रांति’ के 100 साल भी पूरे हो रहे हैं.
-एजेंसियां