ओपेक और ओपेक प्लस के फ़ैसले से वैश्विक बाज़ार में बढ़ी तेल की क़ीमतें

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सऊदी अरब की इस घोषणा के बाद वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट कॉन्ट्रैक्ट में 5.74 फ़ीसदी यानी प्रति बैरल 80.01 डॉलर का उछाल आया है.

वहीं ब्रेंट में 5.6 फ़ीसदी यानी प्रति बैरल 84.42 डॉलर का उछाल आया है. सऊदी अरब के साथ इराक़, यूएई, अल्जीरिया और ओमान ने फ़ैसला लिया है कि उत्पादन में कटौती अगले महीने मई से शुरू होगी और साल के अंत तक जारी रहेगी.

पिछले साल अक्टूबर में ओपेक प्लस ने हर दिन तेल उत्पादन में 20 लाख बैरल की कटौती की घोषणा की थी.
अमेरिका सऊदी अरब पर दबाव डालता रहा है कि वह तेल उत्पादन में कटौती ना करे लेकिन सऊदी अरब ने झुकने से इनकार कर दिया है.

पिछले साल जुलाई में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सऊदी अरब का दौरा किया था. राष्ट्रपति बाइडन का मक़सद था कि वह क्राउन प्रिंस को तेल उत्पादन बढ़ाने पर राज़ी करें लेकिन सऊदी ने उनकी बात नहीं मानी थी.

तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा के बाद से वैश्विक महंगाई बढ़ने का ख़तरा मंडरा रहा है. दुनिया भर के केंद्रीय बैंक ब्याज़ दरों में बढ़ोतरी कर सकते हैं.

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अमेरिका नीतियों को लगातार ख़ारिज कर रहे हैं और अपने हितों के हिसाब से फ़ैसले ले रहे हैं.

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बाइडन के सऊदी दौरे से पहले अमेरिकी मैगज़ीन ‘द अटलांटिक’ को इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ”दुनिया में हर देश की स्थापना अलग-अलग विचारों और मूल्यों के आधार पर हुई है. मिसाल के तौर पर अमेरिका लोकतंत्र, स्वतंत्रता और मुक्त अर्थव्यवस्था जैसे मूल्यों के आधार पर बना है. लोग इन्हीं मूल्यों के आधार पर एकजुट रहते हैं. लेकिन क्या सभी लोकतंत्र अच्छे हैं? क्या सभी लोकतंत्र ठीक से काम कर रहे हैं? निश्चित तौर पर नहीं.”

क्राउन प्रिंस ने कहा था, ””हमारा मुल्क इस्लाम के मूल्यों और विचारों की बुनियाद पर बना है. इसमें क़बाइली संस्कृति है, अरब की संस्कृति है. साथ ही सऊदी की संस्कृति और मान्यताएं हैं. यही हमारी आत्मा है. अगर हम इसे छोड़ देते हैं तो देश नष्ट हो जाएगा. हमारे लिए सवाल यह है कि सऊदी अरब को विकास और आधुनिकीकरण के सही रास्ते पर कैसे लाया जाए. इसी तरह के सवाल अमेरिका के लिए हैं कि कैसे लोकतंत्र, मुक्त बाज़ार और स्वतंत्रता को सही रास्ते पर रखा जाए. यह सवाल इसलिए ज़रूरी है क्योंकि ये ग़लत रास्ते पर जा सकते हैं.”

उन्होंने कहा था, ””इसलिए हम अपने मूल्यों से दूर नहीं होंगे क्योंकि यही हमारी आत्मा है. सऊदी अरब में पवित्र मस्जिदें हैं और इन्हें कोई हटा नहीं सकता. हमारी यह ज़िम्मेदारी है कि ये पवित्र मस्जिदें हमेशा रहें और हम मुल्क को सऊदी के लोगों के लिए, इस इलाक़े के लिए सही रास्ते रास्ते पर रखना चाहते हैं. शांति और सह-अस्तित्व के आधार पर हम चाहते हैं कि बाक़ी दुनिया में चीज़ों को जोड़ें.”

Compiled: up18 News