बदल रहा है पक्षियों का व्यवहार, ताउम्र साथ रहने वाली प्रजात‍ियों में भी हो रहा ब्रेकअप

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जर्मनी और चीन के शोधकर्ताओं ने जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसायटी बी (Proceedings of the Royal Society B) में मृत्यु दर के डेटा और प्रवासन दूरी के साथ पक्षियों की 232 प्रजातियों के बदलते व्यवहार पर हुई स्टडी के नतीजे प्रकाशित किए। साथ ही उन्होंने ‘तलाक’ की दर के बारे में पहले प्रकाशित आंकड़ों की मदद भी ली।

अलगाव की दो बड़ी वजह

टीम ने पक्षियों के व्यवहार के बारे में प्रकाशित जानकारी के आधार पर प्रत्येक प्रजाति के नर व मादा को ‘स्वच्छता स्कोर’ भी दिया। जर्मनी के मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बिहेवियर के डॉ. जॉइटन सोन्ग के मुताबिक इस विश्लेषण में अलगाव की दो बड़ी वजह सामने आईं जो सभी प्रजातियों में प्रमुखता से है।

पहली- नर पक्षी के एक से ज्यादा पार्टनर होना और दूसरी- लंबी दूरी का माइग्रेशन है। आश्चर्यजनक रूप से मादा पक्षियों में यह व्यवहार कम देखने को मिला।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, जब नर पक्षी प्रजनन के लिए तैयार होता है तो इसे अक्सर इस प्रतिबद्धता में कमी के रूप में देखा जाता है। क्योंकि उसका ध्यान और संसाधन कई मादाओं के बीच बंट जाते हैं। यह उसे एक आदर्श साथी के रूप में कम आकर्षक बना सकता है। इस तरह अगले प्रजनन मौसम में इस जोड़े के ‘तलाकशुदा’ होने की ज्यादा आशंका है।

पक्षियों का अलग समय पर अलग डेस्टिनेशन पहुंचना भी एक वजह

सोन्ग कहते हैं- लंबी दूरी के प्रवास के बाद पक्षियों में अलग होने की दर ज्यादा होती है। प्रवास के बाद पक्षी अलग-अलग समय पर डेस्टिनेशन पर पहुंच सकते हैं। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है कि जल्दी पहुंचने वाले किसी नए साथी से मिल सकते हैं। इसके अलावा वे अलग-अलग स्थानों पर पहुंच सकते हैं। इनका नतीजा भी तलाक हो सकता है। बढ़ती प्रवास दूरी के साथ यह प्रभाव तेज होता है। स्टडी के मुताबिक लंबे समय तक प्रवासन से प्रजनन की संभावना भी कम हो जाती है।

प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग और मौसमी आपदाएं भी अलगाव ला रहीं: एक्सपर्ट

लिवरपूल यूनिवर्सिटी में मरीन बायोलॉजी की एक्सपर्ट डॉ. सामंथा पैट्रिक कहती हैं- माइग्रेशन के कारण ब्रेकअप जैसी घटनाएं चिंताजनक हैं। क्लाइमेट चेंज के कारण प्रवासन का समय भी उसी हिसाब से गड़बड़ा सकता है।

प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग के साथ मौसमी आपदाओं के कारण पक्षियों में कई बदलाव हो रहे हैं। उनके उड़ने और प्रजनन की क्षमता और मानसिक स्थिति बिगड़ रही है। कई बार पक्षी दूसरे देश पहुंचते हैं तो वहां सर्दी देरी से शुरू होती है, इसका भी बुरा असर पड़ता है।

– एजेंसी