आतंकवादी कृत्यों और आतंकवादियों से सहानुभूति रखना मानवाधिकारों के प्रति बड़ा अन्याय: NHRC

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रहे मौजूद

आज 75वां मानवाधिकार दिवस मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि रहे। समारोह में कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजीडेंट संयोजक शोम्बी शार्प भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। जस्टिस मिश्रा ने कहा, ‘मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में ऐसे आदर्श शामिल हैं जो हमारे मूल्यों के अनुरूप हैं।’

इन मुद्दों पर की बात

उन्होंने यह भी कहा कि ‘असमानता में नाटकीय वृद्धि’ और जलवायु, जैवविविधता तथा प्रदूषण के तिगुने संकट पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकियों की चुनौतियां समकालीन समाज के ताने-बाने में बुनती हैं। जस्टिस मिश्रा ने कहा, ‘नई डिजिटल प्रौद्योगिकियों ने लोगों के रहने के तरीके को बदल दिया है और सभी सतत लक्ष्यों की प्रगति में मदद की है। इंटरनेट उपयोगी है लेकिन उसका स्याह पक्ष भी है, वह घृणा फैलाने वाली सामग्री के जरिए निजता का उल्लंघन कर रहा है, भ्रामक सूचना से लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर हो रही है।’

आतंकवाद की अनदेखी करना गलत

उन्होंने ऑनलाइन क्षेत्र में महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ हिंसा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘अगर इंटरनेट का दुर्भावनापूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जाता है तो यह समुदायों के भीतर और उनके बीच विभाजन पैदा कर सकता है और मानवाधिकारों को कमजोर कर सकता है।’

उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद पूरे विश्व में नागरिकों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करता है। यह देखा गया है कि निर्दोष लोग इससे पीड़ित होते हैं। आतंकवादी कृत्यों और आतंकवादियों की अनदेखी करना या उनसे सहानुभूति रखना मानवाधिकारों के प्रति बड़ा अन्याय है। हमें उनका (आतंकवादी कृत्यों का) महिमामंडन नहीं करना चाहिए या उनसे (आतंकवादियों से) सहानुभूति नहीं रखनी चाहिए।’

Compiled: up18 News