IRCTC घोटाला: हिदायत के साथ मिली कोर्ट से तेजस्‍वी यादव को राहत

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सीबीआई का आरोप है कि तेजस्वी यादव ने एक पब्लिक मीटिंग के दौरान धमकी दी थी इसलिए मामले में उनकी ज़मानत को रद्द किया जाना चाहिए. इसी मामले पर दिल्ली की अदालत में आज तेजस्वी यादव पेश हुए.
तेजस्वी यादव के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल विपक्ष में थे और सरकार के गलत कामों पर सवाल करना उनका कर्तव्य था. तेजस्वी यादव की ओर से ये भी कहा गया कि मौजूदा सरकार में सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है और सभी विपक्षी पार्टियों का यही मानना है.

इसके बाद दिल्ली की अदालत ने तेजस्वी यादव से सार्वजनिक तौर पर बातचीत के दौरान ज़िम्मेदारी से शब्दों का चयन करने को कहा. कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी यादव की बेल को ख़ारिज करने का कोई मज़बूत आधार नहीं है.

ये घोटाला साल 2004-2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे. आरोप है कि उस समय इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज़्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के दो होटलों की देखरेख का काम अचानक सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को दे दिया गया. इसके बदले लालू यादव को कथित तौर पर पटना में तीन एकड़ ज़मीन दे दी गई.
इस मामले में ईडी ने भी चार्जशीट दायर की थी. ईडी ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव समेत आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया.

इस मामले में सीबीआई ने राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव से भी पूछताछ की थी और साल 2017 में सभी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था. साल 2018 में तेजस्वी यादव को ज़मानत मिली थी.

-एजेंसी