महाशिवरात्रि पर गृहों के प्रकोप से बचने के लिए करें ये उपाय

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महाशिव रात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ऐसे उपाय कर सकते है जिनसे गृृहों का प्रकोप कम हो सकता है। ग्रहो का प्रकोप जब जिंदगी पर पड़ता है तो रोग, हानि जैसी तमाम व्याधियां पैदा हो जाती है। ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करके इन गृहों के बुरे प्रभाव या प्रकोप से काफी हद तक बचा जा सकता है। आइए जानते है, ज्याेतिषाचार्य आशिमा शर्मा के अनुसार किस गृह के लिए क्या करना चाहिए उपाय….

सूर्य- का राजा सूर्य को कहा जाता है। यदि कोई व्यक्ति सूर्य का प्रकोप झेल रहा है तो उसे इस दिन आंक के पुष्प या बिल्व पत्र यानि बेल पत्र से भगवान शिव का पूजन करना चाहिए।ऐसा करने से सूर्य का प्रकोप कम होता है।

चद्रंमा- इस गृहों की रानी माना जाता है।चंद्र गृह से पीड़ित व्यक्ति को शिवलिंग पर काले तिल मिलाकर दूध से अभिषेक करना चाहिए।इसके साथ ही इस दिन रूद्राष्टक का पाठ भी करना चाहिए। इससे उसे काफी राहत मिल सकती है।

मंगल- इसे गृहों के सेनापति की उपाधि दी गई है।मंगल के प्रकोप से एक्सीडेंट व आग्नेय शस्त्रों से घायल होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।इसके प्रकोप को गिलोय के रस से अभिषेक कर लाल चंदन का लेकर कर शांत किया जा सकता है।

बुध- इसे गृहों का युवराज माना जाता है।बुध के लिए शिवलिंग पर भांग चढ़ाना चाहिए।चाहें तो उसका लेप भी कर सकते है।ऐसा माना जाता है कि भांग चढ़ाने से भगवान शंकर प्रसन्न होते है और महाशिव रात्रि के दिन भांग चढ़ाना विशेष होता है।

गुरु- इन्हें ज्ञान का देवता माना जाता है।इनका प्रकोप कम करने के लिए भगवान शिव को हल्दी मिलाकर दूध चढ़ाना उचित माना जाता है।ऐसा करने से गुरु देव का बुरा प्रभाव कम हाेने की संभावना होती है।

शुक्र- इनको गृहों का मंत्री कहा गया है।वैसे शुक्र को विलासी गृह भी कहा जाता है।शुक्र का प्रकोप होने से कई व्याधियां आती है।इनका प्रकोप कम करने के लिए भगवान शिव का पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। चाहे तो घी और शहद से भी भगवान शिव का अभिषेक कर सकते है।

शनि- इन्हें गृहों का दास माना गया है।इसके अलावा ये न्याय के देवता कहे जाते है।इनके प्रकोप से कोई बच नहीं सकता। ऐसा कहा जाता है भगवान भोलेनाथ की शरण में जाने से इनके प्रकोप से काफी राहत मिल सकती है।इनके लिए महाशिव रात्रि पर भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक किया जा सकता है।

राहु – इन्हें छाया गृह कहा जाता है।ये शनि के अधीन होते है। राहु सिर है। इनके लिए भगवान शिव को धतूरे का फल चढ़ाना श्रेष्ठ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि राहु बुद्धि भ्रमित करने का भी कार्य करतेे है। इसलिए इनके प्रकोप को काफी खतरनाक माना जाता है।

केतु- ये भी छाया गृह है। राहु सिर है तो केतु धड़ है। इस कारण ये भी शनि के अधीन होते है। केतु का प्रकोप कम करने के लिए दूर्वा चढ़ाना चाहिए।

कर सकते है कालसर्प दोष का भी उपाय

ज्याेतिषाचार्य आशिमा शर्मा के अनुसार, महाशिवरात्रि पर काल सर्प दोष का भी उपाय होता है। विशेषज्ञों का मानना हैं कि कालसर्प दोष का प्रभाव कम करने के लिए इस दिन शिवलिंग पर चांदी के नाग नागिन का जोड़ा अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा भगवान शिव का दूध, गंगाजल आदि से अभिषेक कर उन्हें मदार के पुष्प, धतूरे का फल और सूखी भांग अर्पित करनी चाहिए।

-ज्याेतिषाचार्य आशिमा शर्मा