मीडिया-सोशल मीडिया के दोहरेपन से मनोवैज्ञानिक भी चिंतित

चिंतन शुभ हो अथवा अशुभ, जीवन पर प्रभाव डालेगा ही। शुभ होगा तो सकारात्मक और अशुभ होगा तो नकारात्मक जीवन बनेगा। जैसी सोच वैसा जीवन वाली कहावत इसीलिए सर्वविदित है। क्योंकि हर चिंतन चेतन से लेकर अवचेतन मन तक को झकझोर कर रख देता है। अवचेतन मन में उतरे भाव व विचार उसी स्तर के […]

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रवीश कुमार: क्या यूपी में बीजेपी अभी भी मनोवैज्ञानिकल रुप से प्रबल दल है?

-रवीश कुमार- क्या बीजेपी मनोवैज्ञानिक रुप से एक मज़बूत पार्टी बची रह गई है? दस मार्च को यूपी में क्या नतीजे आएंगे इसके पहले इस सवाल की नज़र से बीजेपी के चुनाव प्रचार को देखा जाना चाहिए। बीजेपी एक प्रबल दल है। यह एक ऐसी पार्टी है जिसे इलेक्टोरल बॉन्ड के लागू होने के बाद […]

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