पद्मश्री की वेदना: ब्रज साहित्य व संस्कृति के प्रति कृतघ्नता की पराकाष्‍ठा

इतिहास, साहित्य तथा संस्कृति आदि विशिष्‍टताओं के कारण ब्रज की संस्कृति इतनी समृद्ध रही है कि वह भारतीय संस्कृति का पर्याय बन चुकी है। राधा-कृष्‍ण की जन्मभूमि, ब्रजभाषा जैसी माधुर्यमयी समृद्ध भाषा, वात्सल्य और भक्ति रस के महान कवि सूरदास, सन्त-संगीतज्ञ स्वामी हरिदास आदि के अप्रतिम योगदान से ब्रज का महत्त्वपूर्ण स्थान होने पर भी […]

Continue Reading

मथुरा: पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया का प्रयास लाया रंग, सूरदास ब्रजभाषा अकादमी की हुई स्थापना

मथुरा। उत्‍तरप्रदेश में उर्दू, सिन्धी तथा पंजाबी आदि भाषाओं की अकादमी स्थापित होने और तुलनात्मक रूप से अधिक समृ़द्ध होने पर भी ब्रजभाषा अकादमी स्थापित न होने के कारण ब्रजभाषा के साहित्यकार, कवि व कलाकारों में असन्तोष व्याप्त था। इसी को लेकर मथुरा में पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने सूरदास अकादमी की स्थापना की घोषणा […]

Continue Reading