हो न हो ये वही हैं… जिनकी चर्चा न तेरी है, न मेरी है…

एक बार फिर से उनकी याद, स्मृतियाँ और उनकी सीख उनके शब्दों में आज भी जहन से आत्मा तक मुझे झकझोर देती हैं। ये बात हर उस शख्स को याद होगी जिसका किसी भी तरह का कोई खास रिश्ता किसी से जुड़ा हो। यूं तो ये मेरे बाबूजी की यादें हैं पर इस संसार के […]

Continue Reading

स्मृतियां: बीते कल में आज की परछाई…

बीते हुए कल में आज भी झांक कर देखता हूं तो बाबूजी की स्मृतियां और उनके साथ बीते अनेकों और अनगिनत पल आज भी मुझे अपने आस-पास घिरे जीवन से लड़ने की प्रेरणा देते हैं। बाबूजी का देवलोकगमन वर्ष 2017 में 2 अक्टूबर को होने के पश्चात् जीवन क्रम के 2 वर्ष ही बीते कि […]

Continue Reading