क्या ’नमामि गंगे’ के पास भी गंगा पुनरुद्धार की कोई घोषित नीति नहीं?

ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, तिथि दशमी, हस्त नक्षत्र के दिन बिंदुसर के तट पर राजा भगीरथ का तप सफल हुआ। पृथ्वी पर गंगा अवतरित हुई। ”ग अव्ययं गमयति इति गंगा” अर्थात जो स्वर्ग ले जाये, वह गंगा है। पृथ्वी पर आते ही सबको सुखी, समृद्ध व शीतल कर दुखों से मुक्त करने के लिए सभी […]

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