दिल्ली MCD चुनाव के लिए मतदान चार दिसंबर को होना है और सात दिसंबर को मतगणना होगी। ऐसे वक्त पर दिल्ली एमसीडी चुनाव पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त लहजे में कहा कि ये याचिका आधारहीन है। अब इस पर सुनवाई का कोई मतलब नहीं रह गया है। समय बीतने के साथ यह याचिका निरर्थक हो गई है। और सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।
यह याचिका नेशनल यूथ पार्टी की ओर सी दायर की गई थी। नेशनल यूथ पार्टी की ओर से दायर याचिका में चुनाव के लिए वार्डों के परिसीमन को चुनौती दी गई थी। और एमसीडी चुनाव पर रोक लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के माननीय जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि रविवार को मतदान है, इस समय चुनाव में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
हाइकोर्ट के फैसले तक रोक लगाने की गुहार
याचिका में कहा गया था कि वार्डों के परिसीमन और उनके आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर जब तक हाइकोर्ट का कोई फैसला नहीं आ जाता, तब तक के लिए दिल्ली एमसीडी चुनाव पर रोक लगाई जाए।
दिल्ली हाइकोर्ट में 15 दिसंबर को होगी सुनवाई
दिल्ली के वार्डों के परिसीमन को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की गईं हैं, जिसमें से एक याचिका पर सुनवाई के लिए दिल्ली हाइकोर्ट ने 15 दिसंबर की तारीख तय कर रखी है।
दिल्ली एमसीडी चुनाव के लिए 4 दिसम्बर को पड़ेगी वोटिंग
दिल्ली नगर निगम चुनावों के लिए प्रचार का आज 2 दिसम्बर को अंतिम दिन है। शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा। एमसीडी चुनाव में 250 वार्डों पर चार दिसम्बर को मतदान होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी और भाजपा ने सभी 250 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों के नामांकन तकनीकी कारणों से रद्द कर दिए गए। नतीजतन, अब कांग्रेस 250 की जगह 247 वार्डों में चुनाव लड़ रही है।
Compiled: up18 News