सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों वाली संवैधानिक पीठ ने कहा है कि कोर्ट किसी शादी को तुरंत ख़त्म कर सकती है. पीठ ने कहा कि अगर रिश्ता ऐसा है जिसमें सुधार की कोई गुजांइश नहीं है तो शादी के क़ानून के तहत दी गई प्रतीक्षा अवधि के नियमों का पालन करने की ज़रूरत नहीं होगी.
जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा, “अनुच्छेद 142 को मौलिक अधिकारों के साथ देखना चाहिए. हमारा मानना है कि शादी के क़ानून के तहत छह महीने तक इंतज़ार की अवधि समाप्त की जा सकती है. अगर रिश्ता ऐसा है जिसमें सुधार नहीं हो सकता तो उस शादी को तुरंत ख़त्म किया जा सकता है.”
“अनुच्छेद 142 के तहत दिए गए विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कोर्ट इस मामले में तुरंत तलाक देने की इजाज़त देगा ताकि मामले में न्याय हो सके.”
Compiled: up18 News